रेणुका गौतम, कुल्लू : डॉ यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन के 39वें स्थापना दिवस के अवसर पर बजौरा स्थित क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा कृषि महोत्सव व किसान मेले का आयोजन किया गया। मुख्य संसदीय सचिव वन ,ऊर्जा, पर्यटन व परिवहन सुंदर सिंह ठाकुर ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
अपने संबोधन के दौरान वहां मौजूद वैज्ञानिकों से कहा कि वह विश्वविद्यालय द्वारा किए जा अनुसंधान कार्य को किसानों के खेतों व बगीचों तक पहुंचाएं ताकि किसान व बागवान आधुनिक तकनीक को अपनाकर आर्थिक रूप से और सुदृढ़ हो सके। उन्होंने कहा कि डॉक्टर वाई एस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के बजौरा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का कुल्लू जिला सहित जनजातीय जिला लाहौल एवं स्पीति के किसानों व बागवानों को फलों की नवीनतम तकनीक उपलब्ध करवाने के साथ-साथ कृषि व बागवानी में विविधीकरण में अहम भूमिका है। कुल्लू जिला बागवानी के क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभरा है तथा सेब सहित परसीमन, नाशपाती , अनार व अन्य स्टोन फ्रूट को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा इससे किसानों की आर्थिकी में भी सुधार हो रहा है।
उन्होंने वैज्ञानिकों व बागवानी विशेषज्ञों से ज़िला के ग्रामीण क्षेत्रों में बागवानी से संबंधित शिविर लगाने का आग्रह किया, ताकि बागवान विश्वविद्यालय के अनुसंधानों का अधिक लाभ ले सकें। उन्होंने वैज्ञानिकों से ज़िला में ड्रैगन फ्रूट व हेज़लनट की खेती की संभावनाओं को तलाशने की भी निर्देश दिए ताकि बागवान बाजार की मांग के अनुरूप इन पौधों को उगाकर लाभान्वित हो सके। उन्होंने किसानों व बागवानों से अपने बगीचों में कम से कम रासायनिक और पेस्टीसाइड का प्रयोग करने को कहा तथा प्राकृतिक खेती अपना कर बेहतर उपज लेने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ रही है तथा इन उत्पादों का उपभोक्ता अधिक मूल्य चुकाने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने मोटे अनाज मिलेट्स को उगाने पर भी बल दिया ताकि उनके उत्पादन से जहां रसायनिक के कारण नष्ट हुई कृषि भूमि उर्वरता को ठीक किया जा सकता है, वहीं यह उत्पाद स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं।
मुख्य संसदीय सचिव ने इस अवसर पर डॉ वाईएस परमार विश्वविद्यालय नौणी द्वारा तैयार विभिन्न विषयों पर आधारित पाठ्य सामग्री का भी विमोचन किया। उन्होंने अनुमान मौसम आधारित शीतोष्ण फलों के बगीचों का प्रबंधन विषय पर आधारित कैलेंडर को भी जारी किया। निदेशक अनुसंधान यूएचएफ नौणी विश्वविद्यालय डॉ संजीव चौहान ने भी इस अवसर पर मौसम परिवर्तन का कृषि बागवानी पर प्रभाव विषय पर संबोधित कियासहायक निदेशक बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र बजौरा डॉ देवीना वैद्य ने मुख्य अतिथि तथा अन्य का स्वागत किया तथा अनुसंधान केंद्र की विभिन्न गतिविधियों बारे विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर स्कूलों के बच्चों द्वारा भाषण ,चित्रकला व मॉडल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
सुंदर सिंह ठाकुर ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले विजेताओं को सम्मानित किया। इससे पूर्व सुंदर सिंह ठाकुर ने महिला मंडलों, स्वयं सहायता समूह व प्रगतिशील किसानों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। उन्होंने प्रदर्शनियों में गहरी रुचि दिखाई। मुख्य संसदीय सचिव ने प्रदर्शनियों में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले समूहों को सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर पर बागवानी मौन पालन व कृषि व बागवानी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बजौरा की छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर बागवानी अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक, ज़िला भर के विभिन्न क्षेत्रों के किसान व बागवान तथा फल उत्पादक संघ के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।