Monday, October 7, 2024
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कोटखाई गुडिय़ा रेप हत्याकांड मामले में एक से ज्यादा लोग हो सकते संलिप्त

एफएसएल गुजरात के विशेषज्ञों के ब्यान ने सीबीआई को सकते में डाला
एफएसएल विशेषज्ञो का दावा पॉलीग्राफ टेस्ट के आधार पर किया अध्य्यन

कोटखाई गुडिय़ा रेप हत्याकांड मामले में फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी गांधी नगर गुजरात के दो विशेषज्ञों द्वारा अदालत को दिए ब्यान ने सीबीआई को सकते में डाल दिया है ।सीबीआई जंहा इस प्रकरण में एक ही आरोपी होने का दावा कर केस सुलझाने कर दावा करती आई है वही अब सीबीआई के दावो की एफएसएल गुजरात के विशेषज्ञो ने पोल खोल दी है । चंडीगढ़ अदालत में चल रही केस की सुनवाई में फॉरेन्सिक टीम के विशेषज्ञो ने दावा किया है कि गुडिय़ा हत्याकांड में एक से ज्यादा लोग संलिप्त हो सकते है। फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी गांधी नगर गुजरात के दो विशेषज्ञों का कहना है कि उन्होने इस केस का नारको एनालिसिस, पॉलीग्राफ टेस्ट के आधार पर अध्य्यन किया है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के
अनुसार गुडिय़ा रेप और मर्डर केस में एक से ज्यादा लोगों के संलिप्त होने की संभावना से भी इनकार नही किया जा सकता है। बता दे कि इस मामले की सुनवाई इन दिनो चंडीगढ़ अदालत में चल रही है। सीबीआई ने आशीष चौहान, राजिंदर उर्फ राजू, सुभाष, लोकजन उर्फ छोटू, और दीपक उर्फ दीपू आरोपियों के पॉलीग्राफ टेस्ट बीईओएस टेस्ट और नार्को एनालिसिस टेस्ट के निष्कर्षों वाली व्यापक फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट तैयार की थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी।
बता दे कि सीबीआई ने बीते 13 अप्रैल 2018 को आरोपी नीलू को शिमला जिले के हाटकोटी से गिर तार कर गुडिय़ा केस को सुलझाने का दावा किया था। आरोपी के खिलाफ सीबीआई बीते 29 मई को हाईकोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। सीबीआई का दावा है कि आरोपी ने दुष्कर्म के बाद गुडिया को बर्बरता से मौत के घाट उतारा था। आरोपी की गिरफतारी के पीछे सीबीआई डीएनए व फरेंसिक जांच रिपोर्टों का हवाला दिया था। सीबीआई के मुताबिक डीएनए प्रोफाइलिंग की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी के डीएनए का घटना स्थल तथा शव से बरामद डीएनए सामग्री से सौ प्रतिशत मिलान हुआ है और इसी के बाद ही जांच एजैंसी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि गुडिया का असली कातिल पकड़ा गया आरोपी ही है।

यहा बताते चले कि बीती साल 6 जुलाई को कोटखाई के महासू स्कूल की दसवीं की छात्रा का शव साथ में लगते दांदी जंगल में बरामद किया गया था। छात्रा दो दिन पहले स्कूल से रहस्यमयी हालात में गायब हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या
करने की पुष्टि हुई थी। इस मामले में आरंभिक जांच स्थानीय पुलिस ने की थी और बाद में इसकी जांच विशेष जांच दल को सौंपी गई थी। विशेष जांच दल ने इस
मामले में एक नेपाली सूरज सहित छह लोगों कोगिरफ्तार  किया था। इनमें से एक आरोपी सूरज की कोटखाई थाना केलॉकअप में हत्या कर दी गई। सीबीआई ने इस मामले में विशेष जांच दल के आईजी सहित कुल नौ पुलिस कर्मियों को गिर तार किया था,जिनमें तीन अधिकारी अब जमानत पर बाहर है,जबकि 6 पुलिस आरोपी अभी भी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं।

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