मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की दिए निर्देश, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की कम संख्या वाले विद्यालयों को विलय करने की संभावनाएं तलाश की जाएं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों को विलय करने के कदम से पर्याप्त स्टाफ भी उपलब्ध होगा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी दी जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002-2003 में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में जहां विद्यार्थियों की संख्या 1,30,466 थी, वहीं वर्ष 2023-24 में यह संख्या घटकर 49,295 हो गई है। वर्तमान में प्रदेश में 89 प्राथमिक विद्यालयों और 10 माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य है।
उन्होंने कहा कि 701 प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या मात्र पांच है और इनमें से 287 विद्यालय दूसरे विद्यालय से दो किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं। इसके अलावा 109 अतिरिक्त विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या केवल पांच है। इसके अलावा 46 मिडल स्कूल तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं और 18 अन्य स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या केवल पांच है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों किन्नौर और स्पीति में दो पूर्ण सुसज्जित बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने शिक्षा विभाग को संबंधित क्षेत्रों में इन बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर तथा मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।