रेणुका गौतम
कुल्लू : 8 अक्टूबर से शुरू होने वाले अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव को लेकर प्रशासन की तैयारियां जोरों पर हैं। वहीं दशहरा उत्सव पर दौरान सफाई व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला कुल्लू की समाजसेवी संस्थाओं द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुशील चंद्र द्वारा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुशील चंद्र ने कहा कि आपकी बार दशहरा परिसर में प्लास्टिक की बजाय लकड़ी के किलटो का प्रयोग किया जाएगा। वही दशहरा मैदान में लगे पानी की टंकी के रोजाना सैंपल भी लिए जाएंगे, ताकि यहां आने वाले हजारों लोगों को स्वच्छ पेयजल मिल सके। डॉ सुशील ने कहा कि हर दिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा पेयजल के सैंपल लिए जाएंगे और लैब में उस पानी की जांच भी की जाएगी। वही डोम व प्रदर्शनी मैदान में लकड़ी के किल्टों को रखा जाएगा, ताकि सारा कचरा उनमें एकत्रित किया जा सके। सफाई कर्मचारियों को यह निर्देश दिए जाएंगे कि वे हर 10 मिनट के बाद उन किल्टों की जांच करें ताकि कूड़ा बिखर कर मैदान में ना फैल सके। स्वास्थ्य विभाग द्वारा खाने-पीने के स्टाॅल्स पर विशेष नजर रखी जाएगी और खराब खाने व मिठाइयां बेचने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दशहरा उत्सव के दौरान ढाबा मालिकों को पानी का भंडारण भी व्यवस्थित तरीके से करना होगा। हर दिन पानी को स्टोर करने वाली टंकी की सफाई जरूरी है। उत्सव के दौरान ढाबा और अन्य खाद्यान्नों के दुकानदारों ने फूड सेफ्टी एक्ट पर कोताही बरती तो उस पर तुरंत कार्रवाई होगी। अनियमितताएं पाए जाने पर 25 हजार तक का जुर्माना देना पड़ेगा।
ढाबों में काम करने वाले सभी कामगारों का मेडिकल होना भी जरूरी है। हालांकि पिछले दशहरा उत्सव के दौरान विभाग जो खाद्य वस्तुओं के सैंपल लेता था तो उनकी रिपोर्ट काफी लेट आती थी और ढाबा संचालकों के साथ-साथ मिठाइयों के दुकानदार मैदान छोड़कर भी चले जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं होगा, मौके पर ही खाद्य वस्तुओं की सैंपलिंग होकर कुछ देर में नमूने भरकर उसके परिणाम भी आएंगे और जुर्माना भी मौके पर ही वसूला जाएगा।