कुल्लू दशहरे की मीटिंग पर भड़के विधायक
कहा आपदा पर चर्चा जरूरी या उत्सव पर
रेणुका गौतम, कुल्लू : “जहां एक और कुल्लू जिला के सैंज में आई बाढ़ से जानमाल का नुकसान हुआ है, जनता परेशान है, तो ऐसे में प्रदेश सरकार को दशहरा उत्सव की तैयारियों को लेकर चर्चा करना ज्यादा पसंद है। यह साफ तौर पर दिखता है कि प्रदेश सरकार को जनमानस के सुख-दुख से कोई लेना देना नहीं है। उसका मकसद हर हाल में बस उत्सव सब मानना ही है।” यह बात बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने जिला मुख्यालय कुल्लू में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुरेंद्र शौरी ने अक्टूबर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव कुल्लू की बैठक को लेकर बात कही। और कहा कि आजकल जहां ज़िला में प्राकृतिक आपदा से लोग भयभीत और परेशान है। सड़कें और पेय जल योजनाएं बाधित है। जिन्हें दुरुस्त किया जाना ज़रूरी है। इन आवश्यक मुद्दों पर कोई कदम उठाए जाने के बजाय प्रदेश सरकार को ज्यादा चिंता अक्टूबर माह में होने वाले कुल्लू दशहरा उत्सव की है। जो साफ तौर पर यह दर्शाता है कि सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। सुरेंद्र शौरी ने कहा कि हर चीज का सही समय होता है, दशहरे की मीटिंग को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन किस समय क्या चीज जरूरी है, यह बात ध्यान में रखना बहुत आवश्यक है। जिसमें प्रदेश सरकार की असंवेदनशीलता साबित हो रही है।
इस दौरान विधायक शौरी ने प्रदेश सरकार सहित ज़िला प्रशासन पर भी और संवेदनशीलता के आरोप लगाए और कहा कि गत दिवस यानी शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखबिंदर सिंह सुक्खू का दौरा तय था। और जनता को कुछ राहत मदद के तौर पर दी जानी थी। लेकिन हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री का दौरा रद्द होते ही जिला प्रशासन ने जो राशि पीड़ितों को देनी थी वह राशि भी वापस बगैर बंटे ही ज़िला उपायुक्त कार्यालय वापिस आ गई।