मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश में कोविड-19 मामलों में तीव्र वृद्धि से उत्पन्न स्थिति के दृष्टिगत आज यहां से वर्चुअल माध्यम से सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्याें व चिकित्सा अधीक्षकों के साथ समीक्षा बैठक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय माईक्रो कन्टेन्मेंट जोन के माध्यम से प्रभावी निगरानी कर कोविड मामलों की टैस्टिंग, टेªसिंग और ट्रीटमेंट अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने उपायुक्तों को अपने जिलों में कोविड जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम बर्बादी हो क्योंकि देश और प्रदेश को इसकी बहुत आवश्यकता है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तरों की क्षमता में तीन हजार तक वृद्धि करने के लक्ष्य को लगभग पूरा कर चुकी है और किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए बिस्तरों की क्षमता को पांच हजार तक बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों और आॅक्सीजन की कोई कमी नहीं है। प्रदेश सरकार ने एहतियाती तौर पर अतिरिक्त तीन हजार डी-टाईप आॅक्सीजन सिलेण्डरों का भण्डारण किया है ताकि खाली सिलेण्डरों की कोई कमी न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को अस्पताल में कोविड-19 रोगियों के साथ प्रभावी सम्पर्क सुनिश्चित करना चाहिए ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े और वे शीघ्र स्वास्थ्य लाभ कर सकें। वरिष्ठ चिकित्सकों को कोविड वार्डांे का नियमित दौरा कर मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में उचित साफ-सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि होम आइसोलेशन प्रणाली को सुदृढ़ बनाना चाहिए और आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, महिला मण्डलों और युवक मण्डलों को होम क्वारंटीन में रखे गए कोविड मरीजों के परिजनों के साथ सम्पर्क में रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों पर निगरानी रखने का अनुरोध किया। उन्होंने इन प्रतिनिधियों को बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करवाने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने आइजीएमसी शिमला, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय चम्बा और नेर चैक के कोविड-19 वार्डों में कार्यरत चिकित्सकों, नर्सोंे, वार्ड ब्याॅज और स्वच्छता कर्मियों के साथ बातचीत की। उन्होंने कोविड वार्डों में मरीजों को बेहतर चिकित्सा उपचार प्रदान करने में निःस्वार्थ सेवाओं के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य मेें अब तक 15.21 लाख खुराकंे दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण अभियान को गति देने के प्रयास किए जाने चाहिए। राज्य में मामलों की रिकवरी दर 83 प्रतिशत है जबकि मृत्यु दर 1.50 प्रतिशत है। मरीजों को समय पर उपचार प्रदान कर मृत्यु दर कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए आयुष विभाग के चिकित्सकों, नर्सों और अन्य पेरामेडिकल स्टाॅफ को स्वास्थ्य विभाग के साथ कार्य करना चाहिए क्योंकि वे दवाओं की आधुनिक प्रणाली से प्रशिक्षित हैं।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि होम आइसोलेशन के मामलों की निगरानी करना महत्त्वपूर्ण है ताकि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए समुदाय की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि प्रदेश में आॅक्सीजनयुक्त सुविधा वाले बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. शर्मा, मिशन निदेशक एनएचएम हिमाचल प्रदेश डाॅ. निपुण जिंदल, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ. बी.बी. कटोच और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।