कोरोना महामारी ने हमारी नींद हराम कर रखी है। यह अनदेखा वायरस कब बॉडी में चला जाता है पता ही नहीं चलता जिसका खामियाज़ा लंबे समय तक हमें भुगतना पड़ता है। कोरोना का इंफेक्शन बहुत तेज़ी से पनप रहा है। कोरोना के बचाव से लेकर उसका इलाज कराने तक में सावधानियां बेहद जरूरी है। अगर किसी शख्स की तबियत खराब हो जाए तो लक्षणों से पहचानिए कि उसे कोरोना है या नहीं ? पिछले एक साल में कोरोना के लक्षणों में काफी बदलाव आया है। इस बीमारी से बचाव करना है तो पुराने लक्षण और नए लक्षणों को जरूर पहचानिए। आइए जानते हैं कि आप किस तरह से कोरोना के लक्षणों की पहचान कर सकते हैं और कैसे अपने कोरोना पॉजिटिव होने का पता लगा सकते हैं।
कोरोना के पुराने लक्षण : बुखार, गले में खराश और दर्द, सूखी खांसी, जुकाम, स्वाद या गंध का कम होना।
कोरोना के नए लक्षण : कमज़ोरी, थकावट, बदन दर्द, भूख कम लगना, पेट दर्द, दस्त, डायरिया, उल्टी या उल्टी महसूस होना, सिर दर्द, आंखें लाल होना, कानों से कम सुनाई देना आदि।
इसके अलावा कोरोना पॉजिविट होने का पता लगाने के लिए आप कौन-कौन से टेस्ट करा सकते हैं।
रैपिड एंटीजन टेस्ट : फिलहाल जांच के लिए अस्पताल खुद ही तय कर रहे हैं कि कौन सी जांच होनी चाहिए। जैसे मरीज अगर संक्रमितों के संपर्क में न आने का दावा करे तो उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट होता है। इसमें रिपोर्ट जल्दी मिल जाती है। इसका रिजल्ट अगर पॉजिटिव आए तो संक्रमण कन्फर्म है।
RT- PCR टेस्ट : रिपोर्ट निगेटिव आने और लक्षण महसूस होने पर RT- PCR टेस्ट कराया जाता है। इस टेस्ट को सरकारी अस्पताल में फ्री में किया जा रहा है जबकि प्राइवेट अस्पताल में 700-800 रूपये में किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट 6 घंटे से 12 घंटे में आती है।
रिपोर्ट में CT वैल्यू जरूर देखें : रिपोर्ट में CT वैल्यू भी लिखी होती है, जिससे वायरल लोड का पता लगता है। अगर ये वैल्यू 24 से कम हो तो ठीक है लेकिन ये वैल्यू इससे ज्यादा हो तो मरीज का संक्रमण गंभीर स्तर पर पहुंच सकता है। अगर CT वैल्यू 34 से ज्यादा है तो इलाज घर में ही किया जा सकता है।
छाती का CT/X-RAY : छाती का CT/X-RAY उन मरीज़ों के लिए कारगर है जिनकी RT- PCR टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आती हैं लेकिन उनमें लक्षण मौजूद रहते हैं। ऐसे में मरीज़ में कोरोना का पता लगाने के लिए इन टेस्ट का सहारा लिया जाता है।