शिमला/चंडीगढ़ः देश भर में अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच रहे कोरोना मामलों की संख्या के बीच दक्षिण अफ्रिका में पाए गए कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने भारत समेत पूरे विश्व भर में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एक तरह से अलर्ट का महोल बना दिया है। इस सब के बीच भारत में अबतक इस नए वेरिएंट से संक्रमित कुल 35 मरीज मिले हैं।
इस नए वेरिएंट के बारे में कम जानकारी होने के चलते इसे गंभीर खतरा समझ कर देश और प्रदेश सरकार द्वारा कई सारी पावंदियों को भी अमल में लाया गया है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश बार्डर के साथ लगते केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में ओमीक्रोन वेरिएंट से ग्रसित पहला मरीज मिला है, जिसके बाद चंडीगढ़ समेत हिमाचल और आसपास के अन्य राज्यों में संक्रमण के फैलने का खतरा गहरा गया है। मिली जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ में ओमीक्रोन वेरिएंट से ग्रसित पाए गए युवक की उम्र 20 साल बताई जा रही है, जिसे यहां पहुंचते ही अलग से होम आइसोलेशन में ठहराया गया था। हालांकि, इसके बावजूद भी उसके संपर्क में आए सात ऐसे लोग मिले हैं जिनके संक्रमित होने का खतरा अधिक था, लेकिन गनीमत इस बात की रही कि फिलहाल उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
वहीं, युवक के पॉजिटिव पाए जाने के बाद होम से इन्स्टिट्यूशनल क्वारंटाइन में भेज दिया गया था। जहां अब उसमें ओमीक्रोन वेरिएंट मिलने की पुष्टि की है। चंडीगढ़ के सेहत विभाग का कहना है कि जब तक पीड़ित युवक की रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आ जाती उसे इन्स्टिट्यूशनल क्वारंटाइन में ही रहना होगा।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य पंजाब में भी ओमीक्रोन से ग्रसित तीन संदिग्ध मरीज हैं। ये तीनों इटली से अमृतसर पहुंचे थे। जहां इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि, ये आमीक्रोन वेरिएंट है या नहीं इसकी जांच के लिए इनके सैंपल को दिल्ली भेजकर तीनों ही संदिग्धों को मेडिकल कॉलेज के अलग वार्ड में ठहरा दिया गया है।
गौरतलब है कि इन दिनों ठंड के मौसम में प्रदेश के भीतर पर्यटकों की आवाजाही काफी बढ़ जाती है। सूबे में पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा समेत देश के अन्य कई राज्यों से सैलानी नव वर्ष आते-आते हिमाचल प्रदेश का रुख करने लग जाते हैं।
ऐसे में यहां पर अधिक भीड़ भाड़ हो जाने के कारण संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक हो जाता है। वहीं, अबतक हिमाचल आने जाने को लेकर सीमाओं पर किसी तरह की रोकटोक भी नहीं लगाई गई है ऐसे में चंडीगढ़ में आमीक्रोन वेरिएंट का नया मामला रिपोर्ट किया जाना सूबे की सरकार और स्थानीय प्रशासन के लिए भी खतरे की घंटी से कम नहीं है।