शिमला, हिमाचल प्रदेश व देश की सख्सियत पूर्व में रहे हिमाचल प्रदेश पुलिस के डीजीपी, सीबीआई डायरेक्टर, नागालैंड-मणिपुर के राज्यपाल और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो-चांसलर व चांसलर डॉ. अश्विनी कुमार के आकस्मिक निधन से हिमाचल प्रदेश सहित स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में उनके निधन की खबर सुनकर सभी स्तब्ध व गमगीन हैं। सत्तर बर्षीय डॉ. अश्वनी कुमार पिछले कल बुधवार सांय को शिमला स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे। वीरवार को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में शोक सभा आयोजित कर विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, विभागाध्यक्षों, अधिष्ठाताओं, निदेशकों, कार्यकारी अधिकारियों, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और कुलपति ने दिवंगत आत्मा को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश कुमार चौधरी और विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. आर.के.कायस्थ ने डॉ. अश्वनी कुमार के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। कुलपति चौधरी ने कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय परिवार शोकसंतप्त परिवार के साथ खड़ा है और ईश्वर इस मानवीय क्षति को सहन करने के लिए शोकसंतप्त परिवारजनों को शक्ति दें। उन्होंने कहा कि डॉ. अश्वनी कुमार एक महान सख्शियत थे जिन्होंने देश-प्रदेश के उच्च पदों पर रहते अपने उत्कृष्ट सेवा काल में प्रदेश हित, देशहित में किए गए कार्यों के लिए हमेशा-हमेशा याद किया जाएगा। कुलपति चौधरी ने कहा कि डॉ. अश्वनी कुमार ने डीजीपी, सीबीआई, राज्यपाल जैसे गरिमामय पदों पर अपनी उत्कृष्ट सेवाएं देकर हिमाचल प्रदेश के गौरव को बढ़ाया है। कुलपति चौधरी ने कहा कि डॉ. अश्वनी कुमार सेवानिवृति के पश्चात एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के पूर्व में प्रो-चांसलर, चांसलर भी रहे थे, एक शिक्षाविद थे , एक बेहतर प्रशासक थे, मिलनसार व्यक्तित्व थे और उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय में शिक्षा के प्रति शिक्षा-नवाचारों के लिए किए गए योगदान को विस्मृत नहीं किया जाएगा। कुलपति ने कहा कि डॉ. अश्वनी कुमार को शिक्षा के प्रति गहरा लगाव था, वे सभी के प्रेरणास्रोत थे, वे हमेशा खासकर युवकों को चरित्रवान बननें, ईमानदारी से कार्य करने , मेहनत करने और अच्छी शिक्षा हासिल कर समाजहित और राष्ट्रहित में योगदान के लिए प्रेरित करते रहते थे।
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