शिमला : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिमला द्वारा उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया। और प्रदेश सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की गई। काबिल-ए-गौर है कि विद्यार्थी परिषद काफी लंबे समय से प्रदेश स्तरीय मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहा है।
परिषद द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर जानकारी देते हुए विभाग संयोजक दुशाला संस्टा ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला शिमला के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश की गूंगी बहरी सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। यह धरना प्रदर्शन प्रदेश की लापरवाह सरकार के विरुद्ध है जो हजारों छात्रों की आवाज को अनसुना कर रही है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष हनी शर्मा ने बताया कि जिस प्रकार प्रदेश सरकार शिक्षण संस्थानों की तालाबंदी कर रही है, वह शिक्षा के स्तर को गिराने वाला रवैया है। मौजूदा प्रदेश सरकार द्वारा लगातार शिक्षा के स्तर को गिराने का काम किया जा रहा है। यह सरकार विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अपने राजनीतिक लाभ हेतु तालाबंदी कर रही है जिसकी विद्यार्थी परिषद कड़े शब्दों में विरोध करता है।
हनी शर्मा ने बताया की किस प्रकार से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र शोध कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई भी आर्थिक सहायता के लिए छात्रवृत्ति नहीं दी जाती। पूर्व में रही सरकार द्वारा शोध छात्रवृत्ति को बहाल किया गया था, लेकिन वर्तमान सरकार इसमें असमर्थ साबित हो रही है। जिससे दिन-रात मेहनत करने वाले शोधार्थियों को आर्थिक सहयोग न होने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अतः विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि जल्द से जल्द राज्य विश्वविद्यालय मे शोध करने वाले शोधार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाए। साथ ही इस मौक़े पर परिषद द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में जल्द से जल्द स्थाई कुलपति की नियुक्ति की मांग भी उठाई गई।
छात्र संघ के 2013 में बंद किए गए चुनावों को लेकर भी परिषद ने आवाज उठाई और छात्र संघ के चुनावों को शीघ्रातिशीघ्र बहाल करने की मांग रखी। और संघ का यह भी कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो परिषद द्वारा बड़े स्तर पर उग्र प्रदर्शन किया जा सकते हैं।