Friday, November 14, 2025
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सूखे घास के संचय हेतु बनेंगे कड़े नियम, घरों से दूर ही रखना होगा सूखा घास : विक्रमादित्य सिंह 

 

कहा अग्निकांड ग्रस्त झनियार गांव को मिलेगी पूरी मदद 

रेणुका गौतम, कुल्लू : ज़िला कुल्लू की बंजार विधानसभा के अंतर्गत आने वाली तीर्थन घाटी के अग्निकांड से प्रभावित झनियार गांव में लोनि. मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया। इस मौके पर उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे घास को घरों से दूर रखने को लेकर कड़े नियम लाने की बात कही। 

लोनि मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बंजार विधानसभा क्षेत्र के झनियार गांव जाकर स्थानीय लोगों से मुलाकात की। 16 मकानों से अब राख में तब्दील हो चुके गांव पहुंचकर पीड़ितों के दुःख-दर्द सांझा किए। साथ ही इस गांव की अन्य समस्याओं का भी धैयपूर्वक सुना। इस मौक़े पर जहां पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी गई, वहीं मंत्री ने सरकार द्वारा ग्रामीणों को शीघ्र ही हर संभव सहायता देकर दोबारा बसाने की भी बात कही। उहोंने सरकार से डिजास्टर एक्ट के तहत इस गांव की मदद करने का मुद्दा उठाने की भी बात कही। जहां उन्होंने इस गांव को स्पेन और सड़क सुविधा से जोड़े जाने की भी बात कही। साथ ही विशेष तौर पर इस बात पर बल दिया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे घास घरों के अंदर या घरों के बहुत नजदीक स्टोर किए जाने के चलते ऐसी भयानक आगजनी की घटनाएं सामने आती है। सूखे घास को घरों के साथ स्टोर करने पर उन्होंने दंडात्मक कार्रवाई करने की भी बात कही।

 वहीं बंजार विधानसभा के विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि ग्रामीणों को मिलने वाली आर्थिक सहायता को लेकर महिला मंडल सहित कुछ समितियां कार्य कर रही है, ताकि मिलने वाली आर्थिक मदद को लेकर पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही उन्होंने अपने विधानसभा के ग्रामीण घरों में या घरों के बहुत निकट सूखे घास को स्टोर करने पर चिंता जाहिर की और कहा कि वह पूरे विधानसभा क्षेत्र में विशेष जनजागरण अभियान शुरू करेंगे, ताकि भविष्य में ऐसे भीषण अग्निकांड की घटनाओं को रोका जा सके।

गौरतलब है कि सर्दियों के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों के घरों में ही या बहुत नजदीक ढेर सारा सूखा घास इकठ्ठा करकी रखा जाता है। साथ ज़्यादातर घर भी लकड़ी के ही बने होते हैं। ऐसे में यदि एक घर में थोड़ी सी भी आग लग जाए तो कुछ ही पलों में आग़ तेजी से एक घर से दूसरे घरों को भी चपेट में लेकर सारे के सारे गांव को ही भस्म कर देती है। और इस तरह के मामले हर साल ही सामने आते हैं। लेकिन ग्रामीण फिर भी कोई सबक न लेते हुए सूखे घास के बहुत बड़े बड़े ढेर घर के बिल्कुल साथ रख देते हैं। ऐसे में इस बात को लेकर जागरुकता सहित बेहद सख्त नियम बनाना ही एकमात्र उपाय है।

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