बाढ़ ने छीना आशियाना
रेणुका गौतम, कुल्लू : हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के चलते जगह-जगह लोगों की आशियाने खत्म होने हैं। कल्लू के लंका बेकार में की रहने वाली मानदासी भी इस भारी बरसात का शिकार हुई है, दरअसल ब्यास नदी में बढ़े जलस्तर की वजह से उसका आधा घर नष्ट हो चुका है और डर है कि अब कहीं पूरा घर ही न ध्वस्त हो जाए। इसी डर के चलते हैं मानदासी अब अपने परिवार के 10 सदस्यों साथ दूसरों के घर के आंगन में खुले में सोने को आजकल मजबूर है।

हालांकि जब मानदासी से बात की गई तो उसने बताया कि अभी तक कोई सरकार और प्रशासन की तरफ से न तो उनकी सुध लेने आया और न ही उन्हें कोई उचित आश्वासन दिया जा रहा है। जिसके चलते उसके मन में सरकार और प्रशासन के प्रति नाराज़गी है।

पीड़िता का साफ तौर पर कहना है कि ब्यास नदी के दोनों तरफ आरसीसी दीवार लगाने का कार्य चल रहा है। नदी के एक और उनके घर है जहां पर नदी का पानी बहुत कम था लेकिन नदी के दूसरी तरफ आरसीसी दीवार लगाते समय वहां का मलबा नदी के बीचोंबीच इस तरह से इकट्ठा कर दिया गया है जिसने नदी का बहाव उनके घर की तरफ मुड़ गया है। जिसका खामियाजा आज मानदासी को भुगतना पड़ रहा है। मानदासी का कहना है कि वह बरसात आने से पहले ही कई बार इस अनहोनी का अंदेशा लगा रही थी। और कई बार प्रशासन से नदी के साथ रखा मलबा समय रहते उठाने की गुहार लगाती रही, लेकिन उसकी आवाज़ को अनसुना कर दिया गया। आज मेहनत मजदूरी की कमाई से बनाया हुआ घर अपनी आंखों के सामने नदी के तेज बहाव से नष्ट होता हुआ देखना पड़ रहा है।


जब लंका बेकर यानी वार्ड नंबर 9 के पार्षद चंदन प्रेमी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिस क्षेत्र में नुकसान हुआ है वहां पर आरसीसी की मजबूत दीवार देने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन बरसात के चलते वह कार्य रोकना पड़ा। जैसे ही नदी में पानी का स्तर कुछ कम होता है तो अनुकूल समय में आरसीसी दीवार का कार्य पुनः शुरू कर दिया जाएगा और उस क्षेत्र को सुरक्षित किया जाएगा।
वहीं उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस रवीश से बात की गई तो उन्होंने कहा है कि मौके पर प्रशासन की टीम मुआयना करने के लिए भेज दी गई है।

