Thursday, November 21, 2024
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हिमाचल प्रदेश की देव संस्कृति समृद्ध एवं अतुलनीय : राज्यपाल 

कहा नशे से प्रदेश की संस्कृति एवं परंपराओं का बचाव जरूरी

रेणुका गौतम, कुल्लू : अन्तर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव कुल्लू के शुभारंभ मौके पर हर साल की भांति इस बार भी राज्यपाल जिला मुख्यालय पहुंच चुके हैं। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल परिधि गृह में मीडिया से रूबरू हुए और उन्होंने दशहरे एवं प्रदेश की देव संस्कृति को लेकर अपने विचार रखे।

 उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरा जिला या राज्य स्तर का नहीं बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का मनाया जाता है, तो ऐसे में इसकी पहचान देश ही नहीं विदेशों तक भी है। इस दशहरे की सबसे बड़ी खासियत यहां की देव परंपरा है जो अपने आप में अतुलनीय एवं समृद्ध है, जिनका संरक्षण बहुत जरूरी है। साथ ही उन्होंने प्रदेश के युवाओं में बढ़ती नशाखोरी को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की और कहा कि यदि प्रदेश की अतुलनीय एवं प्राचीन परंपराओं को बचाना है तो आज के समय में नशे के काले साए से प्रदेश को मुक्त करना ही होगा। उन्होंने कहा कि हैरानी वाली बात है कि वर्तमान समय में तो स्थिति यहां तक है कि लड़के ही नहीं लड़कियां तक नशा एवं नशा तस्करी में शामिल पाई जा रहीं हैं। 

 राज्यपाल ने कहा कि आने वाले समय में पंचायती स्तर के अधिकारियों एवं पंचायत मंत्री के साथ एक सम्मेलन आयोजित किया जाना है। जिसमें नशे को लेकर एवं नशा उन्मूलन का विषय उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक आम जनमानस नशा उन्मूलन के लिए जागरूक नहीं होता। सिर्फ सरकार, प्रशासन और पुलिस चाहे जितने मर्जी प्रयास कर ले वह सभी असफल है। अतः राज्यपाल ने जनता से अपील की है कि वह बढ़ चढ़कर प्रदेश से नशा उन्मूलन हेतु अपना योगदान दें और प्रदेश में तेज़ी से बढ़ती नशाखोरी को हटाने के लिए निडर होकर सामने आए।

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