मंडी : हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के बल्ह की पंचायत गलमा के गांव कोटलू के रहने वाले सीआरपीएफ हवलदार तेजवंत सिंह (42) की फतेहगढ़ साहिब में ड्यूटी के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि यह ख़ुदकुशी का मामला है और जवान ने खुद से ही खुद को गोली मारी है। जानकारी के मुताबिक सरकारी बंदूक से सिर में गोली लगने से तेजवंत की मौत हुई।
इस घटना पर कमांडेंट का भी कहना है कि तेजवंत द्वारा खुद गोली मारने की सूचना मिली थी। लेकिन पुलिस ने अचानक गोली चलने से मौत की बात कही है। पुलिस के कम्युनिटी सेंटर में सीआरपीएफ का सामान पड़ा है। वहां पर सीआरपीएफ की गार्द तैनात रहती है। तेजवंत की यहां ड्यूटी थी।
वह कुछ दिनों पहले छुट्टी लेकर घर गया था। 10 मई को घर से फतेहगढ़ साहिब में ड्यूटी पर लौटा था। कोविड-19 के नियमों के तहत तेजवंत सिंह को कम्युनिटी सेंटर के स्टोर में बनाए क्वारंटाइन सेंटर में था।
यहां पर तेजवंत ने कुछ दिनों तक क्वारंटाइन रहना था। कमांडेंट हरमिदर सिंह ने बताया कि उन्हें सुबह साढ़े सात बजे सूचना मिली कि हेड कांस्टेबल ने गोली मार ली है।
मौके पर देखा तो जिस स्टोर में तेजवंत सिंह को क्वारंटाइन किया गया था, वहां खून ही खून बिखरा पड़ा था। तेजवंत ने सिर में गोली मारी थी। तभी इसकी सूचना पुलिस को दी। एएसआइ अवतार सिंह ने कहा कि तेजवंत सिंह के पास सरकारी बंदूक से अचानक गोली चलने से मौत हुई है।
मृतक तेजवंत अपने पीछे पत्नी, 11 वर्षीय बेटा और 14 वर्षीय बेटी छोड़ गया है। तेजवंत कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला और न ही खुदकुशी के सबूत मिले हैं। परिवार वालों के बयानों पर धारा 174 की कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के बाद शव वारिसों के हवाले कर दिया।
छुट्टी के दौरान हिमाचल प्रदेश में कोविड के चलते बसें बंद कर दी गई थीं। बार्डर को सील कर दिया गया था। परिवार वालों ने छुट्टी बढ़ाने के लिए कहा था लेकिन तेजवंत नौ मई को अपनी बाइक पर ड्यूटी के लिए निकल गए थे।
करीब दो सौ किलोमीटर का सफर बाइक पर तय करके ड्यूटी पर पहुंचे। तेजवंतअपनी ड्यूटी के लिए बहुत समर्पित थे।