जम्मू कश्मीर में पिछले एक साल से कोई सरकार नही है वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू है l जून 2018 में भाजपा द्वारा पीडीपी से गठबंधन तोड़ लेने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में निर्वाचित सरकार नहीं है। चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि अमरनाथ यात्रा के बाद वह जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा करेगा। इस घोषणा के साथ ही स्पष्ट हो गया है कि इसी वर्ष चुनाव कराए जाएंगे।
46 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा मासिक शिवरात्रि के दिन एक जुलाई से शुरू होगी और 15 अगस्त को श्रावणी पूर्णिमा पर समाप्त हो जाएगी। एक बयान में आयोग ने कहा है कि उसने ध्वनिमत से फैसला लिया है कि जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के बारे में इसी वर्ष बाद में विचार किया जा सकता है।
गौरतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर के संविधान के अनुसार 19 जून 2018 से राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया था। संविधान के अनुसार 19 दिसंबर 2018 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। इसकी अवधि 19 जून को समाप्त हो जाएगी जिसे बढ़ाया जाएगा। आयोग ने कहा है कि वह राज्य में स्थिति की लगातार निगरानी करता रहेगा।
मालूम हो कि 19 जून 2018 को भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में अपनी गठबंधन की सरकार को लेकर बयान दिया था कि ‘जम्मू-कश्मीर में बढ़ते कट्टरपंथ और चरमपंथ के चलते सरकार में बने रहना मुश्किल हो गया था।’ इसके साथ ही भाजपा ने राज्य में पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था। भाजपा ने करीब तीन साल तक जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ सरकार चलाई थी। ये पहला मौका था जब भाजपा जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने में कामयाब हुई थी।
राज्य सरकार भंग होने के बाद जम्मू-कश्मीर में नियमानुसार राज्यपाल शासन लागू हो गया था। जम्मू-कश्मीर के विशेष संविधान के अनुच्छेद 92 के तहत वहां छह माह तक राज्यपाल शासन लागू रहा। इसके बाद 19 दिसंबर 2018 की मध्य रात्रि से वहां राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है। फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।
हर पल नजर रख रहा चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने
अपने बयान में ये भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालातों पर पल-पल नजर रखी
जा रही है। सभी आवश्यक और विश्वसनीय श्रोतों से इनपुट लिए जा रहे हैं। चुनाव की
तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। अमरनाथ यात्रा खत्म होते ही चुनाव की तारीखों की
घोषणा कर दी जाएगी।
गृहमंत्री ने परिसीमन के लिए की बैठक
मोदी सरकार दो
के गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ही जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर बाचतीच करने
के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। उन्होंने पहले सचिव स्तर की बैठक की और फिर कुछ
केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की थी। इसके बाद पता चला कि ये बैठक जम्मू-कश्मीर
में विधानसभा चुनावों से पहले नए सिरे से परिसीमन करने के लिए आयोजित की गई थी।
लोकसभा में भाजपा को मिलीं तीन सीटें
मालूम हो कि हाल
में संपन्न हुए Lok
Sabha Election 2019 (लोकसभा चुनाव 2019) में प्रचंड बहुमत से जीती भाजपा को
जम्मू-कश्मीर में भी तीन सीटें मिली थीं। जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की कुल छह सीटे
हैं। आधी सीटों पर भाजपा का कब्जा होने से पार्टी राज्य में अपने बढ़ते जनाधार को
लेकर उत्साहित है। इसके अलावा पिछले विधानसभा चुनावों में भी भाजपा का प्रदर्शन
काफी बेहतरीन रहा था।
धारा 370 और 35ए होगा प्रमुख मुद्दा
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने कश्मीर से धारा 370 और 35ए के मुद्दे को प्रमुखता से अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था। भाजपा
खुले तौर पर राज्य से धारा 370 और 35ए को समाप्त करने की पक्षधर है। वहीं राज्य
की स्थानीय पार्टियां और अन्य विपक्षी पार्टियां एक सुर में भाजपा के इस एजेंडे का
विरोध करती रही हैं। ऐसे में राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में धारा
370
और 35ए भी प्रमुख मुद्दे होंगे।