प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खु के गृह ज़िला हमीरपुर में वीरवार को कुलदीप सिंह राठौर का आना काफ़ी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शिमला प्रकरण के बाद सुक्खु समर्थकों के बहुमत वाले हमीरपुर कांग्रेस संगठन में कुलदीप सिंह राठौर ज़ख़्मों पर मरहम लगाने का प्रयास करेंगे। वहीं प्रकरण से आहत सुक्खु समर्थक अपने गृह ज़िला में कितनी शांति से कांग्रेस मीटिंग में शामिल होते हैं, इस पर सबकी नज़रें रहेगी। नए पीसीसी अध्यक्ष कुलदीप राठौर का सिरमौर एवं सोलन जिलों का दौरा बेशक शांतिमय रहा, लेकिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खु के गृह ज़िला हमीरपुर के सर्किट हाउस में वीरवार को होने वाली मीटिंग में सुक्खु समर्थकों का आक्रोश फूट सकता है। ग़ौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह गज़ोह की जनसभा में जिस तरीक़े से सुक्खु एवं सुक्खु समर्थकों पर बरसे थे, उसके बाद हमीरपुर ज़िला कांग्रेस संगठन अक्रोशित हो उठा। तीन ज़िला सचिवों ने इसके विरोध में इस्तीफ़े तक दे डाले थे। ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष नरेश ठाकुर ने तो इस सम्बंध में प्रेसवार्ता कर गज़ोह की जनसभा में सुक्खु समर्थकों पर चले शब्दवाणों को अनुशासनहीनता का मामला मान इसकी रिपोर्ट राहुल गांधी तक पहुँचाने की बात कही थी। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर के सामने सुक्खु समर्थकों का क्या रवैया रहता है, इसे लेकर कांग्रेस के अंदर ही सुगबुगाहट चली हुई है। कुलदीप राठौर के पार्टी अध्यक्ष बनने और हमीरपुर में पहले दौरे के दौरान किसी गुट की तरफ़ से कोई अप्रिय घटना न घटे, इसके लिए ख़ूब मंथन चला हुआ है। कुलदीप सिंह राठौर के अबतक के सख़्त संकेतों के बाबजूद अगर कांग्रेस की गुटबाज़ी वीरवार को खुलकर सामने आती है तो इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।
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