शिमला: सरकार और सरकारी विभाग जहां आज़ादी के 75वें साल के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव मना रहे हैं वहीं शिमला शहर के लिए पानी के सबसे बड़े स्रोत के नज़दीक की जनता आज पेयजल की समस्या से जूझ रही है।
अमृत महोत्सव के बीच लगभग 1300 की आबादी वाली मांजू पंचायत की जनता को पानी की बूंद-बूंद के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
जल शक्ति विभाग द्वारा तय मापदंडों के मुताबिक ग्राम पंचायत मांजू को प्रतिदिन 90 हज़ार से एक लाख लीटर पानी की आवश्यकता है लेकिन उन्हें अभी प्रतिदिन सिर्फ 10 से 12 हज़ार लीटर पानी ही मिल पा रहा है जबकि यहां से शिमला शहर के लिए हर दिन ढाई करोड़ लीटर पानी उठाया जाता है।
समस्या के समाधान के लिए हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तँवर की अगुवाई में पंचायत का प्रतिनिधिमंडल अधिशासी अभियंता जलशक्ति विभाग सुन्नी से मिला। प्रतिनिधिमंडल में पंचायत प्रधान श्रीमती रेणु, बीडीसी सदस्य व सभी वार्ड सदस्य सहित जिला शिमला के किसान सभा के अध्यक्ष सत्यवान पुण्डीर, कसुम्पटी के उपाध्यक्ष मदन लाल भारद्वाज, हरि सिंह वर्मा, सीताराम वर्मा, टेकचंद वर्मा, रूपेंद्र, लीलादास, दलीप, राजेंद्र, दीनाराम, कर्मदास, कृष्णा देवी, सहित करीब 40 लोग शामिल रहे।
अधिशासी अभियंता ई. पी.पी. शर्मा ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि विभाग गर्मियों के लिए पर्याप्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान स्कीम की मुरम्मत करेगा और ज़रूरत पड़ी तो मशीनरी भी बदली जाएगी। शर्मा ने कहा कि 18 फरवरी को वे स्वयं अपनी टीम के साथ क्षेत्र का दौरा करेंगे। शर्मा ने जानकारी दी कि इस क्षेत्र के लिए नया सेर खड्ड से एक और पानी की स्कीम प्रस्तावित है।
शर्मा ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष के लिए सिंचाई की बड़ी योजना के लिए केंद्र सरकार को निवेदन भेजा जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तँवर ने कहा कि यह सब्ज़ी उत्पादक क्षेत्र है और सिंचाई की आवश्यकता है इसलिए यहां एक बड़ी योजना तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने अधिशासी अभियंता के सकारात्मक रवैये के लिए उनका और विभाग के अन्य अधिकारियों का आभार जताया और उम्मीद की कि विभाग अपने किये हुए वायदे को निभाएगा।