शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में धांधलियों के मामले बढ़ते ही जा रहे है। ऐसे में एक और मामले की रिपोर्ट सामने आई है जिसमे यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर एक नामी नेता की बेटी को एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर भर्ती कर दिया गया है। मौजूदा समय में जब प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो पूर्व कांग्रेस मंत्री की बेटी को इस तरह से नौकरी दिए जाने को लेकर कई सवाल उठने लग पड़े हैं।
बताया जा रहा है कि नौकरी पाने वाली नेता की बेटी ने अभी तक आठ साल पढ़ाने का अनुभव भी पूरा नहीं किया है कि उससे पहले ही उन्हें नियमों को ताक पर रखते हुए नियुक्ति दे दी है।
रिपोर्टस के मुताबिक एसोसिएट प्रोफेसर पर उक्त युवती का चयन करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी ने सभी नियमों को दरकिनार करते हुए उसके एक निजी कॉलेज में पढ़ाने और विवि के सेंटर फॉर इवनिंग स्टडीज में पीएचडी करने के समय बतौर गेस्ट फैकल्टी पढ़ाने के कार्यकाल को भी अनुभव में जोड़कर यह पूरा गड़बड़झाला किया है।
बता दें कि अस्थायी नियुक्ति या प्रति लेक्चर के कार्यकाल को नियुक्ति के लिए टीचिंग अनुभव में नहीं जोड़ा जा सकता। ऐसे में जब उक्त उम्मीदवार की पीएचडी साल 2016 में ही पूरी हुई है तो उसे साल 2021 में ही एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नौकरी दे देना नियमों की सरासर अवहेलना है।
वहीं, जब इस बारे में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष से इस संबंध में सवाल पूछे गए तो उन्होंने बात को टालते हुए कहा कि मैं अभी अवकाश पर हूं। इसके बाद जब उन्हें उम्मीदवार का नाम बताया गया तो उन्होंने कहा कि मुहजुबानी कुछ याद नहीं है।