दूसरे दिन डिजिटल मीडिया और आंकड़ों के महत्व पर हुई चर्चा
वाराणसी में गंगा की सफाई व्यवस्था पर कार्यशाला अगले महीने, हिमाचल के पत्रकारों को न्यौता
शिमला : पर्यावरण संरक्षण को लेकर सेंटर फाॅर साईंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) और प्रेस क्लब शिमला के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय मीडिया कार्यशाला बुधवार को संपन्न हो गई। कार्यशाला का आयोजन प्रेस क्लब के सम्मेलन हाॅल में किया गया। कार्यशाला के अंतिम दिन डाउन टू अर्थ के एसोसिएट एडिटर दीपन जोशी ने डिजिटल मीडिया के विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लोगों का रूझान अब डिजिटल मीडिया की तरफ अधिक हो रहा है और आने वाले समय में इसकी भूमिका काफी बढ़ जाएगी।
डिजिटल मीडिया के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया में कोई भी खबर लिखित रूप में फोटो व वीडियो के साथ आसानी से डाली जा सकती है। उन्होंने डिजिटल मीडिया की खबरों को संक्षेप में लिखने पर भी बल दिया।
डाउन टू अर्थ के एसिस्टैंट एडिटर रजित सेनगुप्ता ने मीडिया में आंकड़ों के सही इस्तेमाल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जमीनी हकीकत के हिसाब से आंकड़ों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक ही तरह के आंकड़ों से कई तरह की खबरें बन सकती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत के अनुसार खबर बनाने से उन आंकड़ों का महत्व और बढ़ जाता है।
कार्यशाला का समापन करते हुए सेंटर फाॅर साईंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) के सीनियर डायरेक्टर सुपर्णो बैनर्जी ने कहा कि इस कार्यशाला से मीडिया कर्मी जरूर लाभान्वित हुए होंगे और इसमें मिली तकनीकी जानकारी का उपयोग कर वे अपनी खबरों को और विशेष बना सकते हैं।
सुपर्णो बैनर्जी ने कहा कि इस कार्यशाला में हिस्सा लेने वाले मीडिया कर्मियों को सीएसई की तरफ से विशेष रूप से प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि गंगा नदी की सफाई व्यवस्था को लेकर अक्तूबर माह में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के पत्रकारोें को इस कार्यशाला में हिस्सा लेने का न्यौता दिया।