शिमला: ईरान व अन्य देशों से अवैध तरीक़े से हो रहे सेब आयात पर तुरंत रोक लगाई जाए। यह बात जुब्बल-नावर-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से विधायक रोहित ठाकुर ने प्रेस में ज़ारी एक बयान में कहीं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार की नीतियों से प्रदेश के बाग़वान पहले ही त्रस्त हैं और अब केंद्र सरकार के ढुलमूल रवैये के चलते ईरान से अवैध रूप से सेब आयात हो रहा हैं जिसके चलते प्रदेश के बाग़वानों को आर्थिक नुक़सान उठाना पड़ रहा हैं। रोहित ठाकुर ने पीटरहॉफ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता वाली विधायक प्राथमिकता की बैठक में भी बाग़वानी से जुड़े मुद्दे उठाए। उन्होंने ईरान व अन्य देशों से अवैध रूप से आयात हो रहे सेब पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की। रोहित ठाकुर ने जुब्बल नावर कोटखाई में CA स्टोर व जिला शिमला में बाग़वानी कॉलेज खोलने, जम्मू कश्मीर की तर्ज़ पर बाग़वानों को सेब की हाई डेनसिटी वैरायटी (High Density Platation) पर अनुदान देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सेब पर आयात शुल्क तीन गुणा करने और सेब को विशेष उत्पाद श्रेणी में लाने की घोषणा की थी जो मोदी सरकार के कार्यकाल के आठ वर्ष बीत जाने के बाद जुमला साबित हुई हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि फफूंदनाशक-कीटनाशक दवाइयों पर मिलने वाले अनुदान को प्रदेश की भाजपा सरकार ने बन्द कर लाखों बागवानों के साथ अन्याय किया हैं। रोहित ठाकुर ने वर्तमान में फफूंदनाशक-कीटनाशक दवाईयों पर डीबीटी के माध्यम से अनुदान योजना को असफ़ल बताया। उन्होंने कहा कि बाग़वानी विभाग में बाग़वानी विकास अधिकारी के 264 स्वीकृत पदों में 152 पद, बाग़वानी विकास अधिकारी के 512 स्वीकृत पदों में 138 पद रिक्त चल रहे हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि हाटकोटी, टिक्कर, शीलघाट और कोटखाई में बाग़वानी विकास अधिकारी के पद रिक्त पड़े हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से बाग़वानी विभाग में विभिन्न श्रेणियों के रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग की हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि बाग़वानी विभाग द्वारा गत वर्ष के मुकाबलें इस बार दोगुने दाम पर बाग़वानों को सेब व अन्य फलों की नर्सरी बेची जा रहीं हैं। उन्होंने गत वर्ष निर्धारित मूल्य पर बाग़वानों को नर्सरी उपलब्ध करवाने की मांग की हैं। रोहित ठाकुर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से हस्तक्षेप कर ईरान से अवैध रूप से सेब आयात को तुरन्त रोकने, सेब को विशेष उत्पाद श्रेणी में लाने व सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने के मामलें को केंद्र सरकार से उठाने की मांग की हैं।
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