हमीरपुर : प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है। प्रचंड मंहगाई के इस दौर में नाकाम सत्तासीन सरकार अब गरीबों का दिवाला निकालने पर आमादा है। डिपुओं में मिलने वाली दाल का दाम 15 से 20 रुपए किलो बढ़ चुका है। साग-सब्जी और प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। आम बाजार में खाने-पीने की चीजों को आग लगी हुई है और प्रचंड जनादेश से जीती बीजेपी सरकार बेबस और लाचार लग रही है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित प्रदेश के कई बड़े नेताओं ने प्रदेश के विकास को डबल इंजन से गति देने के जुमले गढ़े थे, वो जुमले मात्र जुमले साबित हुए हैं। डबल इंजन तो क्या, एक इंजन भी सेल्फ उठा नहीं रहा है। यह बात सुजानपुर के कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस ब्यान में कही है। राजेंद्र राणा ने कहा कि सीधे तौर पर अब डिपुओं में हुई मंहगाई के कारण 18 लाख राशन कार्ड धारक प्रभावित हो रहे हैं। कभी खाने-पीने की चीजों के कोटे की कमी तो कभी डिपुओं में एकाएक दामों का बढ़ जाना, आम आदमी को सताने जैसा है। उधर शिक्षा के क्षेत्र में नाकाम बीजेपी सरकार को अब हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को व स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
शायद यही कारण है कि सरकार की नाकाम शिक्षा प्रणाली के चलते आम आदमी भी प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को मंहगी शिक्षा दिलाने के लिए मजबूर है। सड़कों पर गड्ढों का राज है। गांव की सड़कों की दशा तो बद से बदतर हो चुकी है। मंहगाई, बेरोजगारी व अराजकता के बोलबाले में सरकार और सिस्टम पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। राणा बोले कि जो गलती लोगों ने पिछले विधानसभा चुनावों में की थी, उस गलती को अब प्रदेश की जनता हरगिज दोहराने वाली नहीं है। सरकार के घोर उदासीन रवैये के कारण अब आम आदमी के साथ बीजेपी कार्यकत्र्ता भी अपने आप को लुटा-पिटा महसुस कर रहा है। प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार की कठपुतली बन कर रबड़ स्टैम्प साबित हो रही है। जो सांस लेने के लिए भी केन्द्र के रहमो-करम पर आश्रित है।