शिमला : एक ओर जहां सरकार बेहतर एवं गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाऐं घरद्वार पर उपलब्ध करवाने का दावा करती है वहीं पर शिमला जिला के मशोबरा ब्लॉक में कार्यरत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ट्रहाई की दुर्दशा सरकार के इन खोखले दावों को स्वतः ही बयां कर रही है ।
बता दें कि 16 अप्रैल 2016 को इस पीएचसी का उद्घाटन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर द्वारा किया गया था और पीएचसी के भवन निर्माण के लिए 15 लाख भी स्वीकृत किए गए थे । परंतु गत चार वर्षों के दौरान किसी भी सरकार द्वारा इस पीएचसी में डॉक्टर सहित अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ के पद भरे गए जिस कारण इस क्षेत्र के लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं । स्थानीय स्तर पर विभाग द्वारा रखे गए सेवादार द्वारा ही इस पीएचसी का संचालन किया जा रहा है । लगता है कि विभाग दूरदराज क्षेत्र होने के कारण इस पीएचसी में स्टाफ भरने में रूचि नहीं ले रहा है ।
ट्रहाई गांव के भाजपा बूथ अध्यक्ष प्रीतम ठाकुर, भगत चंद आन्नद, राम सरन ठाकुर, नंबरदार देवेन्द्र ठाकुर, सुरेश ठाकुर सहित अनेक लोगों ने बताया कि इस पीएचसी में डॉक्टर के महीने में कभी कभार ही दर्शन होते हैं जिसे विभाग शायद डेपुटेशन पर भेजते हैं । उन्होने बताया कि 11 अगस्त 2019 को कोटी में आयोजित जनमंच के दौरान भी स्थानीय लोगों द्वारा इस मुददे को उठाया गया था और इस मौके पर जनमंच की अध्यक्षता कर रहे उपाध्यक्ष हिप्र विधानसभा हंस राज ने 15 दिन के भीतर इस समस्या के समाधान का आश्वासन दिया गया था परंतु पांच महीने के उपरांत भी इस समस्या का कोई हल नहीं हुआ और और लोगों को छुटमुट बिमारियों के उपचार के लिए राजगढ़ अथवा सोलन जाना पड़ता हैं जिससे जहां लोगों का समय बर्बाद होता है वहीं पर लोगों को बस किराए और दवाईयों के भरकम राशि अदा करनी पड़ती है ।
इसके अतिरिक्त उन्होने बताया कि पीएचसी के उद्घाटन के दौरान विभाग के आग्रह पर गावं के लोगों द्वारा दो वर्ष तक निःशुल्क भवन उपलब्ध करवाया गया , परंतु खेद का विषय है कि विभाग द्वारा पीएचसी के भवन निर्माण के लिए चार वर्षो में कोई प्रभावी पग नहीं उठाए गए और पिछले दो वर्षो से भवन मालिक का किराया भी अदा नहीं किया है । उन्होने बताया कि इस पीएचसी को चलाने के लिए डॉक्टर के अलावा कोई स्टाफ नर्स व फार्मासिस्ट भी नहीं है । उन्होने कहा कि इस पीएचसी से इस क्षेत्र की चार पंचायतों जिनमें दो पंचायते सीमा पर लगते राजगढ़ तहसील की भी शामिल है को लाभ मिल सकता था परंतु विभाग के उदासीन रवैये से यह पीएचसी केवल कागजों तक सीमित रह गई है ।
ट्रहाई गांव के लोगों का कहना है कि हमारी बात जनमंच में भी अनसुनी की गई और अब लोग एक डेपुटेशन लेकर शीघ्र ही मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से मिलेगें ताकि इस पीएचसी में स्टाफ उपलब्ध हो सके और लोगों को घरद्वार पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके ।
सीएमओ शिमला डॉ0 जितेन्द्र चौहान से जब इस बारे बात की गई तो उन्होने कहा कि पीएचसी में स्टाफ को स्वास्थ्य मंत्री द्वारा भरा जाना है उनके पास स्टाफ भरने की शक्तियां नहीं है और वह बीएमओ मशोबरा को डेपुटेशन पर स्टाफ भेजने को कहेगें ।