शिमला – प्रदेश सरकार को हेलिकाप्टर सेवाएं देने वाले पवनहंस पर 50 लाख का जुर्माना किया जाएगा। नियमों के तहत सेवाएं न देने पर सरकार करेगी कार्रवाई, सामान्य प्रशासन विभाग देगा नोटिस सरकार और पवनहंस कंपनी के बीच हुए करार में यह प्रावधान है, जिसके तहत सामान्य प्रशासन विभाग उसे नोटिस भेजेगा।
सूत्रों के अनुसार नोटिस को लेकर प्रक्रिया को पूरा किया जा चुका है और जल्द ही यह नोटिस कंपनी को थमा दिया जाएगा। उनसे 50 लाख रुपए की वसूली के साथ सरकार नया हेलिकाप्टर लेगी, जिसे मुख्यमंत्री के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। बताया जाता है कि पवनहंस कंपनी का हेलिकाप्टर पिछले तीन महीने से शिमला स्थित अनाडेल में खड़ा है, जिसमें तकनीकी खामियां हैं। इसके चलते सरकार इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। पवनहंस कंपनी के साथ हुए करार के मुताबिक परफार्मेंस गारंटी के तौर पर यदि वह सही तरह से सेवाएं नहीं दे पाती है, तो सरकार नियमों के तहत जुर्माना वसूल करेगी। यही वजह है कि अब उसपर जुर्माना ठोंका जा रहा है। कंपनी के हेलिकाप्टर को जनजातीय क्षेत्रों में भी सेवाएं देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसके खराब होने की वजह से उन क्षेत्रों में भी उड़ानें नहीं हो सकीं। इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने भी सरकार से उसका हेलिकाप्टर मांगा था, परंतु तब भी यह हेलिकाप्टर उन्हें नहीं दिया जा सका, जिस कारण से वायु सेना के हेलिकाप्टर का इस्तेमाल करना पड़ा। जनजातीय क्षेत्रों में भी बर्फबारी में फंसे लोगों को वहां से निकालने के लिए एयरफोर्स का हेलिकाप्टर इस्तेमाल किया गया।नई कंपनी लेगी इतना किरायासूत्रों के अनुसार पवनहंस को छोड़कर जिस अन्य कंपनी से बातचीत हुई है, वह हेलिकाप्टर की एवज में पवन हंस से कम दरें लेगी। जिस नई कंपनी से किराए पर हेलिकाप्टर लेने की सोची जा रही है, वह दो लाख 10 हजार रुपए प्रति घंटे की उड़ान के हिसाब से किराया वसूलेगी, जबकि पवन हंस को पौने तीन लाख रूपए देने पड़ते थे।
कंपनियों से हुई बात सरकार अब पवन हंस को छोड़़कर दूसरी कंपनियों से इस सेवा के लिए बातचीत की रही है। तीन कंपनियों से दो दफा बातचीत हुई है। दिल्ली में मुख्य सचिव ने भी हेलिकाप्टर प्रदाता कंपनियों से चर्चा की, वहीं शिमला में भी बातचीत हुई है। इस मामले में अब केवल सरकार से स्वीकृति मिलना शेष रह गया है और कंपनी को भी लगभग तय कर दिया गया है।