शिमला: उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में आज उपायुक्त कार्यालय के बचत भवन सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल शोषण से शिकार नाबालिग को पुनर्वास सहायता एवं पॉक्सो एक्ट 2012 पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा कि आज की कार्यशाला अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसके माध्यम से सभी लोगों को अपनी भूमिका एवं जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता प्रदान होगी। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा विषय है, जिसमें हम सबको संवदेनशीलता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। हम सबको प्रयत्न करना चाहिए कि किसी बच्चे के साथ बाल उत्पीड़न न हो।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है साथ ही अपनी जिम्मेदारियों के प्रति कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में एक तिहाई आबादी 18 वर्ष की आयु वर्ग से कम की है, जो आने वाले समय में देश के निर्माण में अहम भूमिका अदा करेगा।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) राहुल चौहान ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पाॅल ने सभी लोगों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा रखी।
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा अपनी विस्तृत बात रखी, जिसमंे हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय से अधिवक्ता भावना दत्ता ने बच्चों को अपराध से संरक्षण अधिनियम, पाॅक्सो एक्ट, विभिन्न जजमेंट एवं कानून में विभिन्न प्रावधानों पर अपनी विस्तृत बात रखी।
सदस्य जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड शिमला सुनीता सूद ने नाबालिग पीड़ितों के लिए पुनर्वास योजना पर अपनी विस्तृत बात रखी वहीं जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमा कंवर ने भी पुनर्वास से संबंधित विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में अवगत करवाया।
सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी डी.के. मांटा ने जेजे अधिनियम 2015 के तहत हितधारकों की भूमिका पर अपनी विस्तृत बात रखी वहीं अध्यक्ष बाल कल्याण समिति अमिता भारद्वाज ने भी कार्यशाला के संबंध मंे अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के सदस्यगण, अधिवक्ता सुचित्रा, बालिका आश्रम प्रभारी, चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्यगण एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
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