वस्त्र मंत्रालय द्वारा शिमला में ‘एकता’ प्रदर्शनी व ज्ञान सत्र का आयोजन, कारीगरों और शिल्प उद्यमियों को मिल रहा नया मंच
प्रदर्शनी 19 से 26 मई तक, 70 से अधिक स्टॉल्स में दिखेगा भारत की हस्तशिल्प विविधता का रंग
शिमला, 19 मई — भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान स्थित पदम देव कॉम्प्लेक्स में आज से ‘एकता’ प्रदर्शनी और ज्ञान सत्र (Exhibition cum Knowledge Sharing for Textile Advantage) का शुभारंभ किया गया। यह प्रदर्शनी 26 मई तक चलेगी, जिसमें देशभर के स्वयं सहायता समूहों और शिल्प उद्यमियों द्वारा निर्मित वस्त्र और हस्तशिल्प उत्पादों के 70 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं।
प्रदर्शनी का उद्घाटन हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल शिमला वासियों के लिए बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में देश के विभिन्न हिस्सों की सांस्कृतिक विविधता और हस्तशिल्प का सुंदर संगम देखने को मिलेगा।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा, “वस्त्र मंत्रालय द्वारा शिमला में इस तरह की पहल अत्यंत सराहनीय है। इससे स्थानीय लोगों को देशभर की कला और शिल्प को जानने और खरीदने का अवसर मिलेगा, वहीं शिल्पकारों को अपने उत्पादों को बेहतर मंच मिलेगा।”
वहीं, वस्त्र मंत्रालय की ट्रेड एडवाइजर शुभ्रा ने बताया कि ‘एकता’ का मुख्य उद्देश्य देशभर के कारीगरों, बुनकरों और शिल्प उद्यमियों को एक साझा मंच प्रदान करना है, जहां वे अपने उत्पादों का प्रदर्शन और विक्रय कर सकें। साथ ही उन्हें डिज़ाइन, तकनीक, बाजार और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा सके ताकि वे अपने व्यवसाय को आधुनिक बाजार के अनुरूप सशक्त बना सकें।
उन्होंने यह भी बताया कि 19 से 21 मई तक गेयटी थिएटर में तीन दिवसीय ज्ञान सत्र और कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं, जो विशेष रूप से स्वयं सहायता समूहों, युवा कारीगरों और शिल्प उद्यमियों के लिए तैयार की गई हैं। इन सत्रों में उन्हें प्रतिस्पर्धी बाजार में टिके रहने के लिए आवश्यक जानकारी और कौशल प्रदान किया जाएगा।
शुभ्रा ने कहा, “एकता केवल प्रदर्शनी नहीं, बल्कि यह ज्ञान और सशक्तिकरण का मंच है जो हस्तशिल्प उद्योग को नई दिशा देगा।”
‘एकता’ प्रदर्शनी में हस्तनिर्मित वस्त्र, पारंपरिक कढ़ाई, बुनाई, लकड़ी व धातु शिल्प, पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद जैसे कई विविध उत्पादों की भरमार है। यह आयोजन न केवल खरीददारी का अवसर है, बल्कि भारत की विविध शिल्प परंपराओं को समझने और सराहने का भी सुनहरा मौका है