मंडी : जिला कांगड़ा के भंगवार में मां की अर्थी को अकेले कंधे पर उठाने का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि मंडी जिले में भी मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां अर्थी को कंधा देने के लिए जब लोग आगे नहीं आए तो शव को डंडे से बांधकर एक किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया गया। मंडी जिले के जोगेंद्रनगर उपमंडल के लडभड़ोल तहसील के गवाला गांव में जब लोगों ने बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार से किनारा कर लिया तो एथलेटिक्स सेंटर जोगेंद्रनगर के खेल प्रशिक्षक गोपाल ठाकुर सामने आए। दरअसल धर्मपुर के संधोल की रहने वाली बुजुर्ग महिला करीब पांच-छह दिन पहले ही गवाला गांव में अपनी बेटी के घर आई थी। इसी बीच बेटी संक्रमित हो गई। शनिवार को वृद्धा की मौत हो गई, लेकिन उसकी अर्थी को उठाने के लिए गांव के लोग सामने नहीं आए, जबकि वृद्धा संक्रमित नहीं थी। प्रशासन को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एथलेटिक्स सेंटर जोगेंद्रनगर के खेल प्रशिक्षक गोपाल ठाकुर से संपर्क किया। वह अपने सेंटर के खिलाड़ी विशाल व सुमित के साथ गवाला गांव पहुंच गए। उन्होंने डंडों से बांधकर वृद्धा के शव को सड़क तक पहुंचाया। उधर, शव सड़क में पहुंचने के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए अपने गांव संधोल ले गए। बकौल गोपाल ठाकुर, उन्हें स्थानीय प्रशासन से सूचना मिली थी कि गवाला गांव में संक्रमित परिवार के घर एक बुजुर्ग महिला की सामान्य मौत हुई है। शव को सड़क तक पहुंचाने के लिए कोई हाथ आगे नहीं बढ़ा रहा है। वह 40 किलोमीटर का सफर तय करके यहां तक पहुंचे, जबकि गांव के लोग हाथ नहीं बंटा सके। लडभड़ोल क्षेत्र में कोरोना संक्रमण से हुई पूर्व सैनिक की मौत के अंतिम संस्कार को लेकर खेल प्रशिक्षक गोपाल ठाकुर ने अपना अहम योगदान दिया। उन्होंने कोविड प्रोटोकोल के तहत पूर्व सैनिक का अंतिम संस्कार करवाया। एसडीएम अमित मेहरा ने खेल प्रशिक्षक गोपाल ठाकुर के योगदान पर आभार जताया।
Trending Now