Friday, November 22, 2024
Homeहमीरपुरसरकार-प्रशासन से  नहीं मांगी मदद, श्मशान घाट  बनाने खुद उतर पड़े गांव...

सरकार-प्रशासन से  नहीं मांगी मदद, श्मशान घाट  बनाने खुद उतर पड़े गांव वाले

हमीरपुर : रजनीश शर्मा हमीरपुर ज़िला के बमसन ब्लॉक के सराहकड़ गांव में लोग खुद ही सड़क बनाकर नया श्मशान घाट  बनाने में  जुट गए हैं दरअसल, जीवन की अंतिम यात्रा की क़रीब ढाई किलोमीटर लम्बी ऊबड़ खाबड़ राह को देख ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है। कलंझड़ी माता मंदिर के ठीक नीचे क़रीब चार मरले ज़मीन पर सड़क , पार्किंग, रैनशेड, बिजली एवं पानी की उपलब्धता के साथ सराहकड़ गाँव के क़रीब 64 परिवारों ने अपने ख़र्च पर ही नया श्मशान घाट  बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है। आबादी से दूर  इस नए श्मशान घाट  का नाम गोबिंद घाट रखा गया है  गोबिंद घाट के लिए चार मरले का खेत एन॰आई॰टी॰ में तैनात सुरक्षा गार्ड सराहकड़ गाँव के अजय कुमार रांगड़ा पुत्र जयकृष्ण ने दान किया है । इसके अलावा  क़रीब साढ़े तीन लाख रुपए की राशि गाँव के लोगों ने एकत्रित कर ली है।क्या थी समस्या जीवन की अंतिम यात्रा को पूर्ण करवाने के लिए सराहकड़ गाँव के लोगों को क़रीब ढाई किलोमीटर दूर कराड़ा में कटियारा गाँव के श्मशान घाट  तक जाना पड़ता है। यह रास्ता अत्यंत ऊबड़ खाबड़ है तथा अर्थी को ले जाने वालों के लिए भी जोखिम भरा है। इस समस्या को सराहकड़ गाँव के अजय कुमार ने समझा और 64 परिवारों के आगे बात रखी । अजय द्वारा चार मरला ज़मीन दान करते ही कैप्टन सुखदेव सिंह,  भाग चंद , जसवंत सिंह , माला राम धीमान, सुनील कुमार धीमान ,विजय कुमार धीमान,बिहारी लाल धीमान, ईश्वर दास धीमान, प्रभात सिंह, राकेश कुमार,  पीर चंद, मुकेश रांगड़ा, प्रीतम चंद, कर्म चंद, कुलतार सिंह,  राजकमल, अंकित रांगड़ा, विपन रांगड़ा और मस्तराम ने लाखों रुपए इस पुण्य कार्य के लिए एकत्रित कर लिए।ग्रामीणों ने सरकार या प्रशासन से इस काम के लिए एक भी पैसे की मदद न लेने का प्रण भी लिया है।अजय कुमार रांगड़ा ने बताया कि भूमि पूजन के साथ सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। गाँव के ही एक बुज़ुर्ग स्वर्गीय गोबिंदु पुत्र जोधा राम के नाम पर घाट कि नाम गोविंद घाट रखा गया है।यहाँ सड़क , पार्किंग, रैनशेड, बिजली एवं पानी की उपलब्धता  रहेगी ।

Most Popular