सोलन
रोटरी क्लब सोलन व् मोहन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में ऎडी बायोटेक चंडीगढ़ मै ऑर्गन डोनेशन पर कार्यशाला रखी गई जिसमे कर्मचरियो को अंगदान के बारे मे जागरूक किया और कर्मचरियो ने अंग दाता बनने के लिए पंजीकरण करवाया।
रोटरी सोलन के सचिव डॉ कमल अटवाल ने बताया कि भारत में जागरूकता की कमी के कारण बहुत कम अंगदान हो रहा है, जबकि अंगदान की कमी के कारण प्रति वर्ष लगभग पांच लाख लोगों की मौत हो रही है। ऐसा तब है जब दुर्घटनाओं के कारण प्रति वर्ष भारी संख्या में लोग ‘ब्रेन डेड’ हो जाते हैं जिनके अंगों का दान करवाकर लाखों लोगों की जिंदगी को बचाया जा सकता है।
इसमें रोटरी क्लब के प्रधान रोटेरियन अनिल चौहान ने कहा कि हमारे समाज में एक मिथ्या बात बहुत अधिक प्रचलित है कि अगर हमने मृत्यु के बाद आंखें दान कर दी तो पुनर्जन्म के बाद हम अंधे ही पैदा होंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम जीते जी किडनी दान करते हैं और अपना शेष जीवन भी जीते हैं और जिसे दान करते हैं वह भी अपना नया जीवन जीता है। इसके लिए परिवार को अंगदाता द्वारा जानकारी देनी अति आवश्यक है। हमें नई पीढ़ी को चेतना देनी होगी कि मृत व्यक्ति के मृत्यु के छह घंटे के अंदर उनके अंगों को दान कर जरूरतमंदों को नया जीवन प्रदान करें। हमें राष्ट्रीय स्तर पर इस आवाज को पहुंचाना होगा कि मृत शरीर की आंख या अन्य अंगों का जरूरतमंदों को उपलब्ध कराकर स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण की ओर अग्रसर होना चाहिए। हमें अंधविश्वास को दूर करने के लिए स्कूल, कालेज स्तर पर जागरूकता लानी होगी, ताकि नई पीढ़ी अंग दान व देह दान के लिए प्रोत्साहित हो सके।
रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3080 जोन 2 अस्सिस्टेंट गवर्नर मनीष तोमर ने इस कार्यक्रम को आवश्यक बताते हुए कहा कि हम डिस्ट्रिक्ट स्तर पर अंगदान संबंधी जागरूकता को विभिन्न रोटरी क्लब में अपने कार्यक्रमों में शामिल करेंगे क्योकि अंगदान शास्त्रों के अनुसार सर्वश्रेष्ठ दान है, जिसके द्वारा हम मरकर भी ज़िंदा रहते हैं।
इस कार्यक्रम में ऎडी बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर ललित डोगरा, रोटरी सोलन के कोषाध्यक्ष जितेंद्र भल्ला उपस्थित रहे।