शिमला : हिमाचल प्रदेश में 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू हो गई है। नई आबकारी नीति के तहत हिमाचल प्रदेश से कुछ शराब के ब्रांड्स महंगे हुए हैं, तो कुछ के दामों में हल्की कमी आई है। नई आबकारी नीति में सुक्खू सरकार ने पांच की जगह चार स्लैब बनाकर अंग्रेजी शराब के दाम तय किए हैं। यही कारण है कि शराब के रेट बहुत अधिक नहीं बढ़े हैं।
हिमाचल प्रदेश में इस बार प्रदेश सरकार ने ऑक्शन के आधार पर ठेकों का आवंटन किया है। इससे पहले, जयराम सरकार में 10 फीसदी वृद्धि के साथ ठेके रिन्यु किए जाते थे। लेकिन इस बार ऑक्शन की वजह से सरकार को 500 करोड़ रुपये से अधिक फायदा हुआ। हालांकि, सरकार ने इस बार 10 रुपये मिल्क सेस भी शराब की प्रति बोतल पर लगाया है। वहीं, काउ सेस अलग है।
नई आबकारी नीति के तहत, अब शराब के ठेके से कोई भी व्यक्ति अधिकतम 4 बोतल शराब और दो पेटी बीयर ले जा सकता है। इससे अधिक शराब या बीयर ले जाने के लिए लाइसेंस की जरूरत रहेगी। वहीं, शराब ठेकों में तय दाम से अधिक कीमत वसूले जाने पर ग्राहक कर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों और निरीक्षकों को शिकायत भी कर सकते हैं। सभी शराब ठेकों में जल्द ही कर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों व निरीक्षकों के फोन नंबर चस्पा कर दिए जाएंगे।
सरकार को हुई 500 करोड़ की अधिक आय
हिमाचल प्रदेश में इस बार ऑक्शन की वजह से सरकार को 40 फीसदी अधिक आय हुई है। कांगड़ा जिले में बोली से सबसे अधिक 296.22 करोड़ रुपये आय हुई। इसके बाद शिमला में 251.11 करोड़ रुपये और मंडी में 181.10 करोड़ रुपये सरकार को बोली से मिले हैं।सरकार ने इस बार 10 रुपये मिल्क सेस भी शराब की प्रति बोतल पर लगाया है।
वहीं, ऑक्शन में सबसे अधिक वृद्धि किन्नौर (66.05 प्रतिशत), उसके बाद बद्दी (59.66 प्रतिशत), ऊना (52.63 प्रतिशत) और सिरमौर (47.62 प्रतिशत) में दर्ज की गई। नई आबकारी नीति में वर्ष 2023-24 के लिए 2, 357 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान था, लेकिन 40 प्रतिशत वृद्धि के साथ हिमाचल को 2, 800 करोड़ रुपये की आय हुई है।
प्रति बोतल 10 रुपये सेस, यहां होगा इस्तेमाल
हिमाचल की सुख्खू सरकार ने प्रदेश में बिकने वाली शराब पर प्रति बोतल 10 रुपये मिल्क सेस लगाया है, जिससे लगभग प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी। इस राशि का उपयोग दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि के लिए किया जाएगा। मिल्क सेस से होने वाली राशि को गाय-भैंस पालकों से हर दिन दस लीटर दूध खरीदने की योजना पर खर्च किया जाएगा। इससे सरकार के साथ-साथ दुग्ध उत्पादकों को भी फायदा होगा। सरकार ने अंग्रेजी-देसी शराब, बीयर और वाइन पर ये मिल्क सेस लगाया है। इसके अलावा गोधन विकास निधि के लिए प्रति बोतल 2.50 रुपये सेस लगेगा। प्रति बोतल 1.50 रुपये का सेस कर एवं आबकारी विकास फंड के नाम पर लिया जाएगा।
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