अनाज मंडी फतेहपुर ने गेहूं खरीद में तोड़ा रिकार्ड
धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश का जिला कांगड़ा आमतौर पर गेहूं और धान की फसल के लिए जाना जाता है तथा अधिकतर जगह पर यहां पर गेहूं और धान बहुतायत मात्रा में उगाया जाता है जबकि सब्जी तथा फलों की पैदावार यहां पर कम मात्रा में होती है। जिला कांगड़ा के छोटा भंगाल, धर्मशाला और कांगड़ा को छोड़कर अन्य स्थानों पर गेहूं और धान की फसल होती है। यह सब देखते हुए हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन राज्य बोर्ड ने वर्ष 2016 में फतेहपुर में अनाज मंडी का शुभारंभ किया ताकि जिले के किसानों को अपनी फसल की उपज का सही दाम मिल सके। विडंबना यह रही कि वर्ष 2016 से 2020 तक इस अनाज मंडी में किसानों की फसल की कोई भी खरीद फरोख्त नहीं हो सकी जिस कारण फतेहपुर तथा मंड क्षेत्र के किसान बहुत मायूस थे लेकिन इस बार हिमाचल प्रदेश राज्य मार्केटिंग बोर्ड के सराहनीय प्रयासो के द्वारा फतेहपुर अनाज मंडी में रिकॉर्ड गेहूं की खरीद हो चुकी है। 26 मई तक जिला कांगड़ा में गेहूं की रिकॉर्ड 23,475 क्विंटल खरीद हो चुकी है तथा खरीद अभी भी जारी है तथा जिला कांगड़ा में 45 से 50 हजार क्विंटल तक खरीद की उम्मीद है। अभी तक लगभग 250 किसान इस योजना से लाभ ले चुके हैं। सरकार के प्रयासों से किसानों को अब न्यूनतम खर्च करके भी फसल का उचित मूल्य मिल रहा है। भारतीय खाद्य निगम सरकार द्वारा निर्धारित 1975 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीद कर रहा है जिससे किसानों में खुशी की लहर है क्योंकि उन्हें अब घर के नजदीक ही ऐसी सुविधा मिल रही है। इससे पहले किसानों को अपनी उपज लेकर पंजाब में जाना पड़ता था जिससे उन्हें ना तो अपनी उपज का सही मूल्य मिलता था तथा उनका बहुत सा समय भी बर्बाद होता था। हिमाचल प्रदेश राज्य मार्केटिंग बोर्ड तथा कृषि उपज मंडी समिति कांगड़ा इन सराहनीय प्रयासों के लिए बधाई की पात्र है।
क्या कहते हैं एपीएमसी सचिव-
इस बारे में कृषि उपज मंडी समिति कांगड़ा के सचिव डॉक्टर राजकुमार भारद्वाज का कहना है कि जिला कांगड़ा के किसानों की फसल और समस्याओं को देखते हुए जिला कांगड़ा के फतेहपुर में अनाज मंडी में और अस्थाई रूप से संचालित अनाज मंडी इंदौरा तहसील के ठाकुरद्वारा में किसानों से गेहूं की खरीद की जा रही है। जिला कांगड़ा के फतेहपुर और मंड क्षेत्र में गेहूं और धान की फसल की बहुत पैदावार होती है लेकिन इस क्षेत्र में गेहूं की खरीद नहीं हो पाती थी जिस कारण किसानों को मजबूरन पंजाब में जाना पड़ता था लेकिन इस बार सरकार ने किसानों की समस्या को देखते हुए फतेहपुर और ठाकुरद्वारा में दो-दो खरीद केंद्र खोलकर किसानों को तोहफा दिया है।अब तक जिला कांगड़ा में पहली बार खरीद होने के बावजूद भी एक नया रिकॉर्ड कायम हुआ है। सचिव ने कहा कि किसानों को अब 24 घंटे के अंदर ही उनके खाते में पैसा डाल दिया जाता है जिससे उनमें खुशी की लहर है।