रेणुका गौतम, गंभीर : कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश में चल रहे फसल विविधीकरण परियोजना, जायका चरण-दो , कुल्लू द्वारा विकास खंड कुल्लू के गाँव समाणा में कृषक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें समाणा गाँव के बहुत से किसानों ने भाग लिया। इस जागरूकता शिविर में खंड परियोजना प्रबंधन इकाई कुल्लू के कृषि विकास अधिकारी डॉ० जयन्त रतना ने किसानों को फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना की मुख्य विशेषताएँ, प्रावधान व इसके उद्देश्यों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की।
इस शिविर में समाणा गाँव में बनने जा रही प्रवाह सिंचाई योजना समाणा नालह से निचली सेरी के लिए कृषक विकास संघठन का गठन किया। जिसमें शेर सिंह को प्रधान चुना गया, बीर चंद को उपप्रधान, ध्यान चंद को महासचिव, गोरखू राम को कोषाध्यक्ष, तोले राम को सह-सचिव और रजनी देवी और सोमा देवी को सदस्य चुना गया। फसल विविधीकरण परियोजना, कृषि के क्षेत्र में आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से फसल विविधीकरण, लघु सिंचाई सुविधाओं के विकास और सुधार, डेयरी, मधुमखी पालन, शीटाके मशरूम की खेती के माध्यम से आजीविका में सुधार, किसानों का सिंचाई एवं बाजार आधारित फसलोंत्पादन में क्षमता निर्माण आदि के क्षेत्र में कार्य कर रहा है।
परियोजना में कुल्लू तथा लाहौल में अब तक कुल मिलाकर 22 उप-परियोजनाओं का चयन किया गया है। जिसमें लघु सिंचाई विकास से किसानों के खेतों तक नियमित रूप से सिंचाई सुनिश्चित करवाना, कृषि प्रसार व विकास गतिविधियों को बढ़ावा देना, मूल्य शृंखला प्रबंधन व कृषि विपणन और संस्थागत विकास के क्षेत्र में कार्य किया जाएगा।