Friday, June 27, 2025
Homeमेले एवं त्योहारअक्षय तृतीया: विशेष है आज का दिन क्युंकि बन रहे तीन राज...

अक्षय तृतीया: विशेष है आज का दिन क्युंकि बन रहे तीन राज योग.. सोना-चांदी खरीदने शुभ महुर्त



आज अक्षय तृतीया पर हंस राजयोग, मालव्य राजयोग और शश राजयोग है और सूर्य एवं चंद्रमा उच्च आरुड़ मेष तथा वृष राशि में हैं. यह शुभ संयोग तकरीबन 50 साल बाद ही बना है. अक्षय तृतीया पर बना शोभन योग भी शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए अति विशिष्ट है। सामान्यत अक्षय तृतीया पर स्वयं सिद्ध योग होते हैं, इसलिए पूरे दिन अबूझ मुहूर्त है।आज आप किसी भी समय कोई भी शुभ एवं मांगलिक कार्य कर सकते हैं. नए बिजनेस ,करियर की शुरुआत,सोना, चांदी, मकान, वाहन, प्लॉट, फ्लैट की खरीद,पूजा पाठ ,जप तप तथा समस्त भौतिकता और अध्यात्मिकता पूर्ण कार्य अक्षय बने रहते है।
आजभगवान विष्णु और पितरों की पूजा की जाती है. उनके प्रसन्न होने से जीवन में सुख एवं शांति आती है, धन एवं संपत्ति में वृद्धि होती है. अक्षय तृतीया पर आप किसी भी समय पूजन कर सकते हैं, लेकिन आज पूजा का शुभ मुहूर्त भी है।
पूजा मुहूर्त
आज पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 39 से दोपहर 12 बजकर 18 तक रहेगा।इस अन्तराल में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी स्वरुप सोना-चांदी और पितरों की पूजा करनी चाहिए.
वैसे पूरे दिन में कभी भी सोना, चांदी, आभूषण या अन्य धातु की खरीदारी कर सकते हैं. इस दिन मकान, वाहन या अन्य प्रॉपर्टी की खरीदारी करनी है या advance/ बयाना देना है, तो दिया जा सकता हैं।आज के दिन दान देने से सुख, संपत्ति में वृद्धि होती है और अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। आज जौ, जल आदि का दान करने से सभी तीर्थ स्थलों का पुण्य मिल्रता है।
Parshuram Jayanti आज मनायी जायेगी क्युंकि बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर वर्ष परशुराम जयंती मनायी जाती है। भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अपना 6वां अवतार लिया था।भगवान परशुराम का जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ लेकिन उनके गुण क्षत्रियों की तरह थे। ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के पांच पुत्रों में से चौथे पुत्र परशुराम भोलेनाथ के परम भक्त थे।उनका जन्म धरती पर हो रहे अन्याय, अधर्म और पाप कर्मों का विनाश करने के लिए हुआ था। वह सात चिरंजीवी पुरुषों में से एक है।परशुराम जी का जन्म का नाम राम था लेकिन भगवान शिव की कठोर साधना जिसके भगवान भोले ने प्रसन्न होकर उन्हें कई अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए उनमे परशु भी एक था जो उनका मुख्य हथियार था जिसे उन्हीने धारण किया था इसलिए उनका नाम परशुराम पड़ गया।

Most Popular