बिलासपुर :- कोठीपुरा में लगभग 1400 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे एम्स का उद्धघाटन जल्द होने जा रहा है। अहम बात यह है कि एम्स जैसा बड़ा स्वास्थ्य संस्थान महज 5 वर्ष में धरातल पर मूर्त रूप ले रहा है। हालांकि बिलासपुर को मिली इस सौगात का श्रेय 2014 राज्यसभा के सांसद जगत प्रकाश नड्डा लोकसभा के सांसद अनुराग ठाकुर को जाता है।एम्स को बिलासपुर में लाने में राज्य आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं नयनादेवी के पूर्व विधायक रणधीर शर्मा की भी अहम भूमिका रही है।
केंद्र सरकार ने देश के कई राज्यों में एम्स खोलने का फैसला लिया था। इनमें हिमाचल का नाम भी शामिल था। नयनादेवी के तत्कालीन विधायक रणधीर शर्मा ने नवंबर 2014 में उन्होंने तत्कालीन डीसी मानसी सहाय ठाकुर को ज्ञापन सौंपा, लेकिन ज्ञापन सौंपने से पहले उन्होंने पूरा होमवर्क किया। ज्ञापन के साथ उन्होंने कोठीपुरा में पशु पालन विभाग की 1243 बीघा जमीन के दस्तावेज भी डीसी को सौंपे। उनका यह दांव सही बैठा और बाद में जगत प्रकाश नड्डा के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनने पर एम्स को कोठीपुरा में खोलने की राह और अधिक आसान हो गई।
2017 में एम्स का शिलान्यास होने के कुछ ही दिन बाद हिमाचल में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई थी। लिहाजा शिलान्यास होने के बाद भी विपक्ष के नेता एम्स को चुनावी शिगूफा करार देते रहे, लेकिन कोठीपुरा में इस बड़े मेडिकल इंस्टिट्यूट का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इससे जुड़ा अहम पहलू यह है कि एम्स का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर 2017 को किया था। 5 साल से भी कम समय में एम्स में ओपीडी व टेली-मेडिसिन जैसी सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। हर रोज बड़ी संख्या में मरीज एम्स के विशेषज्ञ डाॅक्टरों के पास चेकअप करवाने पहुंच रहे हैं। इसे देखते हुए बिलासपुर से एम्स के लिए स्पेशल बस सेवा भी शुरू की गई है। ओपीडी सेवाएं शुरू होने से पहले एम्स के डाॅक्टरों को काफी समय तक बिलासपुर अस्पताल में भेजा जाता रहा। एम्स का बाकी काम पूरा करके एक-डेढ़ माह के भीतर इसका विधिवत उद्घाटन करवाने की तैयारी है। इसका लोकार्पण भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही करवाया जाएगा।
चंदेल/बिलासपुर