शिमला नगर निगम के मेयर व डिप्टी मेयर पद के लिए होने वाला चुनाव कोरम पूरा न होने के कारण कल यानि बुधवार के लिए टल गया है l कांग्रेस के पार्षद अनुपस्थित होने के कारण कोरम पूरा करने के लिए तय 26 सदस्यों का आंकड़ा पूरा नहीं हो पाया। अब कल यानी बुधवार को सुबह 11 बजे चुनाव होगा। अगर अब भी यह कोरम पूरा नही होता तो मौजूद सदस्यों द्वारा ही यह चुनाव पूरा किया जाएगा l 32 सीटों वाले नगर निगम में भाजपा के पास 21 पाषर्दों का पूरा समर्थन है।
पार्टी दोनों ही पदों पर जीत की प्रबल दावेदार है। पार्षदों में आपसी गुटबाजी के कारण भाजपा को बगावत का डर सता रहा है। भाजपा किसी भी कीमत पर सत्ता को नहीं गंवाना चाहती। भाजपा के वरिष्ठ नेतृत्व ने बगावत का खतरा होता देख कमान अपने हाथों में ले ली है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, विधानसभा में सरकार के मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा को पाषर्दों को एकजुट करने के काम में लगाया गया है। भाजपा पार्षद दो धड़ों में बंटे हुए हैं। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज समर्थित धड़े में 12 पार्षद एकजुट हैं, जबकि दूसरा धड़ा महापौर का समर्थन करता है। कुछ पार्षद अपने स्तर पर ही दावा पेश कर रहे हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पाषर्दों को एकजुट करने के लिए बीते रविवार और सोमवार को बैठकों का दौर जारी रहा। रविवार देर रात तक शिमला के वार्डों में पाषर्दों को एकजुट कर मेयर व डिप्टी मेयर पद पर उनकी राय जानी। जबकि सोमवार दोपहर को पार्टी कार्यालय दीपकमल में बैठक हुई। मेयर कुसुम सदरेट और उप महापौर राकेश शर्मा दोनों ही अपनी कुर्सी को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। जबकि दूसरे धड़े में मेयर व डिप्टी मेयर पद के लिए काफी ज्यादा दावेदार हैं।
क्रास वोटिंग से बिगड़ सकता है खेल
कांग्रेस के 11 ही पार्षद है। माकपा पार्षद को मिलाकर यह आंकड़ा 12 तक पहुंच जाता है। कांग्रेस भाजपा की अंदरूनी फूट का फायदा उठाने की फिराक में है। भाजपा यदि एकजुटता नहीं बना पाई तो क्रास वोटिंग से चुनावों में खेल बिगड़ सकता है।