मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को शिमला में मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन का शुभारंभ किया। प्रदेश के आम नागरिक इस हेल्पलाइन पर फोन कर अपनी शिकायतों व समस्याओं का समाधान करवा सकेंगे। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन का कॉल सेंटर राज्य मुख्यालय शिमला के टुटीकंडी में खोला गया है। प्रदेश सरकार ने इस हेल्पलाइन का टोल फ्री नंबर 1100 जारी किया है।
हिमाचल के दूरदराज क्षेत्र में बैठा कोई भी व्यक्ति अब एक फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। तय समय के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर किसी भी व्यक्ति को फोन कर पूछेंगे कि क्या उनकी समस्या का समाधान हुआ या नहीं? शिकायत पर संबंधित अधिकारी ने क्या कार्रवाई की और सरकारी विभागों के कर्मचारी व अधिकारी तत्परता से काम कर रहे हैं या नहीं? मंत्री भी लोगों को फोन कर पूछेंगे कि उनकी समस्याओं का निवारण हुआ या नहीं। यदि प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में बैठे लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया होगा तो संबंधित सरकारी कर्मचारी व अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी।
जनमंच से जुड़ेगी सीएम सेवा संकल्प हेल्पलाइन
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना शुरू करते हुए कहा फोन से प्राप्त होने वाले लोगों की समस्याओं को तय समय में सुलझाना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए प्रत्येक कर्मचारी व अधिकारी को तत्परता से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अब छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान करवाने के लिए लोगों को दूरदराज क्षेत्रों से ना तो जिला मुख्यालय पर आने की जरूरत रहेगी और न ही राज्य सचिवालय शिमला। हर समस्या का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा अब मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना के साथ जनमंच योजना को भी जोड़ने की जरूरत है। इसके लिए यदि अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत रहेगी तो वह भी उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना शुरू करने का लाभ तभी होगा जब प्रदेश के गांव-गांव तक लोगों को नंबर का ज्ञान होगा। इस नंबर को डायल करने से उनकी समस्याओं का समाधान हो सकता है यह सभी मंत्री प्रत्येक जन मंच में जाकर लोगों को अवगत करवाएंगे।
सुबह सात बजे से रात दस बजे तक करें शिकायत
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से जनमंच में प्राप्त शिकायतों की प्रगति की भी निगरानी होगी। हेल्पलाइन पर सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक शिकायत दर्ज हो सकेगी। इससे सरकार के कार्य में भी पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। पंजीकृत कॉल स्वत: ही निवारण के लिए संबंधित विभाग को चली जाएगी। इसमें चार स्तरीय शिकायत प्रणाली की योजना बनाई गई है। पहले स्तर पर खंड, दूसरे स्तर पर तहसील, तीसरे स्तर पर जिला तथा अंतिम राज्य स्तर पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। सभी अधिकारियों को सात दिन से लेकर 14 दिनों के भीतर शिकायत का समाधान करना होगा। यदि समय सीमा पार हो गई या शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है तो समस्या अगले स्तर पर भेज दी जाएगी। शिकायतकर्ता की संतुष्टि के बाद ही शिकायत बंद होगी। तब तक अधिकारियों को समस्या का हल निकालना पड़ेगा।