प्रदेश में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाया है कहीं नदियाँ अपने पूरे उफान पर है तो कहीं भूस्खलन से जन माल का भारी नुकसान हुआ है l प्रशासन की ओर से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। आधिकारिक पुष्टि के अनुसार अभी तक प्रदेश के अलग -अलग स्थानों पर 23 लोगों की मौत हो गई है।
जिला अनुसार शिमला में 10 ,चंबा-कुल्लू में तीन-तीन, सोलन में 5 बिलासपुर-सिरमौर में एक-एक की बारिश ने जान ले ली। पांच नेशनल हाईवे समेत 887 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। पूरे प्रदेश में कई सड़कें और पुल ध्वस्त हो गए हैं। चंबा के बंदला में दीवार गिरने से दादा-पोती की मौत हो गई। शिमला में भूस्खलन से चार लोग दब गए।
शिमला में आरटीओ के पास हुए भूस्खलन में दो बच्चियों की मौत हो गई है। इनमें विशाखा ( 15) और दिव्या (18 ) साल है। इनकी मौत हो गई है। इनके माता कृष्णा ने भी बाद में उचपार के दौरान दम तोड़ दिया। जुब्बड़हट्टी के गांव सुजाणा में पशुशाला में आए भूस्खलन में दबने से महिला की मौत हो गई।
महिला को स्थानीय निवासियों की मदद से पशुशाला से बाहर निकाला गया। महिला की उम्र 40 से 42 साल बताई जा रही है। उधर कुमारसैन में ढारे पर पेड़ गिरने से दो नेपाली मजदूरों की मौत हो गई जबकि पांच गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में अर्जुन बुद्धा (19) और सन बहादुर (52) शामिल हैं।
कुल्लू में एक शख्स के बहने की खबर है। घुमारवीं में बादल फट गया है। जबकि बिलासपुर में आठ मकान ध्वस्त हो गए हैं। मनाली में नेशनल हाईवे बह गया है। जबकि कई जगह सड़कें और पुल बह गए। भूस्खलन से कालका शिमला हेरीटेज ट्रैक बंद कर दिया गया है। सभी ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं।
भारी बारिश से फसलों को बहुत नुकसान हुआ। रावी और ब्यास नदियों का पानी घरों तक पहुंच गया है। दर्जनों मकान खाली कराए गए हैं। घरहोली में निजी विद्युत परियोजना की मशीनरी पानी में बह गई है। इस बारिश से प्रदेश में अरबों के नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है।
भारी बारिश से फसलों को बहुत नुकसान हुआ। रावी और ब्यास नदियों का पानी घरों तक पहुंच गया है। दर्जनों मकान खाली कराए गए हैं। घरहोली में निजी विद्युत परियोजना की मशीनरी पानी में बह गई है। इस बारिश से प्रदेश में अरबों के नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रेड अलर्ट के बीच हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार रात से बारिश हो रही है। शनिवार को पालमपुर में बंदला की पहाड़ियों पर बादल फटने से न्यूगल और बनेर खड्ड में बाढ़ आ गई।
इससे बंदला के ओम बिजली संयंत्र में छह कर्मचारी फंस गए जिन्हें पुलिस और होमगार्ड ने बचाया। कुल्लू के पतलीकूहल में ब्यास नदी में फंसे दो ट्रक चालकों को भी बचाया गया। चंबा में 15 शिक्षकों को सुरक्षित निकाला गया।
हिमाचल प्रदेश में जारी मूसलाधार बारिश के कारण शिमला, सिरमौर और कुल्लू के सभी शैक्षणिक संस्थानों में सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है। इस संबंध में शिमला, कुल्लू और सिरमौर के उपायुक्तों ने आदेश जारी कर दिए हैं।
शिमला, कुल्लू और सिरमौर में सभी सरकारी, निजी और कॉन्वेंट स्कूल, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, आईटीआई, पॉलीटेक्नीक और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। वहीं लोगों को भी नदी नालों के किनारे न जाने की हिदायत दी गई है।
वहीं जय राम ठाकुर ने राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने तथा स्थानीय व पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटकों से नदियों से दूर रहने का आग्रह किया क्योंकि फ्लैश फ्लड और भारी वर्षा के कारण पानी का स्तर बढ़ने की आशंका रहती है। उन्होंने कहा कि इस वर्षा ऋतु के दौरान राज्य को लगभग 490 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत दिवस और आज सुबह असामयिक बर्फबारी के कारण जिला लाहौल-स्पीति में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सभी महत्वपूर्ण सड़कों को समयबद्ध तरीके से मुरम्मत करवाना सुनिश्चित करेगी ताकि प्रदेश के लोगों विशेषकर बागवानों को उनकी फसलों को बाजार तक पहुंचाने में असुविधा न हो।
जय राम ठाकुर ने सभी उपायुक्तों को उनके जिलों के सभी शैक्षणिक संस्थानों को स्थिति के अनुसार समय पर बंद करवाने के निर्देश दिए, जिससे विद्यार्थियों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।