विवाहित महिलाओं के लिए सबसे बड़ा त्योहार . करवा चौथ कार्तिक के हिंदू महीने के दौरान कृष्ण पक्ष चतुर्थी ‘पूर्णिमा’ के चौथे दिन, के मौके पर पड़ता है. करवा चौथ को कारक चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है, भारत के उत्तरी भाग में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. हालांकि, कुछ दक्षिणी राज्य भी उसी दिन त्योहार मनाते हैं, जो क्षेत्रीय कैलेंडर के अनुसार अश्विन के महीने में आता है. विवाहित महिलाएं सूर्योदय से लेकर शाम को चांद दिखने तक बिना भोजन और पानी के ‘निर्जला’ व्रत रखती हैं. इस साल त्योहार मनाने को लेकर 13 अक्टूबर से 14 अक्टूबर की तारीखों के बीच कुछ असमंजस की स्थिति बनी हुई है. जानिए किस दिन करवा चौथ का व्रत करना चाहिए.
चतुर्थी 13 तारीख से शुरू होकर 14 अक्टूबर की सुबह समाप्त होती है, इसलिए करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा.
करवा चौथ पर ग्रहों की शुभ स्थिति
स समय गुरु देव बृहस्पति, बुध और शनि स्वगृही यानी अपनी-अपनी राशि में विराजमान हैं, जिससे सुख और सौभाग्य पाने में सरलता होगी. सूर्य और बुध भी एक साथ हों…और उन पर गुरु का प्रभाव भी होगा. इससे पति-पत्नी का आपसी संबंध और विश्वास मजबूत होगा. शुक्र-बृहस्पति का संबंध भी इस पर्व पर बना रहेगा, जिससे की गई प्रार्थना शीघ्र स्वीकार होगी. 13 वर्ष के बाद मीन राशि का बृहस्पति इस पर्व को ज्यादा सुखद बनाएगा. इससे वैवाहिक जीवन की तमाम अड़चनें भी दूर दूर हो जाएंगी.