विजय ठाकुर
विजिलेंस जांच में दोषी करार है उक्त अधिकारी
काँगड़ा : हिमाचल प्रदेश सरकार कृषि विभाग का एक अजीब कारनामा सामने आया है जिसमें कृषि विभाग के एक उच्च अधिकारी को जो अधिकारी दागी है तथा जिसे उसका अपना विभाग चार्जशीट कर चुका है उसे उसी विभाग में अभी तक सचिव की कुर्सी पर बैठा रखा है। मामला हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा का है जहां पर कृषि उपज मंडी समिति के सचिव राजेश डोगरा पर वर्ष 2017 में कुछ शिकायत कर्ताओं ने सब्जी मंडी धर्मशाला व सब्जी मंडी जसूर में नियमों को दरकिनार कर गलत तरीके से दुकानों के आबंटन में फर्जीवाड़ा करने की शिकायत की थी। शिकायत नंबर 123/2017 के तहत जब स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने इस मामले की जांच की तो इसमें पाया गया कि कृषि उपज मंडी समिति कांगड़ा के सचिव राजेश डोगरा ने कृषि विभाग के नियमों को दरकिनार करके गलत तरीके से दुकानें आबंटित कर दी थी। विजिलेंस जांच में यह पाया गया कि सचिव राजेश डोगरा पर लगाए गए सभी आरोप सही हैं और उसकी जांच के दौरान जो साक्ष्य जुटाए गए वह राजेश डोगरा के खिलाफ मिले। मामले की सारी जांच रिपोर्ट स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो एसपी धर्मशाला की तरफ से कृषि विभाग निदेशक, शिमला को 7 जनवरी 2019 को भेजी गई तथा उसकी एक कॉपी स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक शिमला को भी भेजी गई ताकि उक्त दोषी अधिकारी पर आगामी कार्यवाही की जा सके, लेकिन बड़ी हैरानी की बात है कि विजिलेंस जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी उक्त अधिकारी आज भी कृषि उपज मंडी समिति कांगड़ा के सचिव पद पर कुंडली मारकर बैठा है। विजिलेंस विभाग धर्मशाला की तरफ से जांच रिपोर्ट की कॉपी मिलने के बाद कृषि विभाग निदेशक हिमाचल प्रदेश ने जांच रिपोर्ट सहित अगामी कार्यवाही हेतू एक पत्र प्रधान सचिव कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश को 29 जून 2019 को भेजा जिसमे लिखा गया है कि कृषि उपज मंडी समिति जिला कांगड़ा के सचिव राजेश डोगरा को कृर्षि मार्केटिंग बोर्ड द्वारा मेमोरेंडम नंबर AGR.A-B(15)-1/2016 दिनाक 09 अप्रैल 2019 के तहत नियमों को दरकिनार कर दुकाने आबंटित करने पर चार्जशीट कर दिया गया है तथा विजिलेंस विभाग की जांच में भी राजेश डोगरा दोषी पाया गया है इसलिए शिकायतकर्ता की प्रार्थना है कि विभाग राजेश डोगरा को कृषि उपज मंडी समिति सचिव कांगड़ा के पद से हटा दे और उचित कार्यवाही करके उचित निर्णय लिया जाए मगर हैरानी की बात है कि एक माह बीत जाने के बाद भी उपरोक्त दोषी अधिकारी अभी तक विभाग द्वारा चार्जशीट होने के बावजूद भी कृषि उपज मंडी समिति कांगड़ा के सचिव के पद पर बैठा हुआ है ।विजिलेंस विभाग और कृषि विभाग के निदेशक की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट को देखने के बावजूद भी प्रधान सचिव कृषि विभाग ने अभी तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की है जिससे कई तरह के सवालिया प्रश्न उठते है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी का नारा है कि दोषी और भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा लेकिन वहीं दूसरी तरफ दोषी पाए जाने के बाद और चार्जशीट कर दिए जाने के बाद भी इस तरह के लोग अपने पद पर स्थाई रूप से कुंडली मारकर बैठे हैं, जबकि इस तरह के दोषी अधिकारी को जांच पूरी होने के बाद तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए और दूसरी जगह पर लगाना चाहिए ताकि लोगों का न्याय व्यवस्था से भरोसा ना उठे। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह भी पता चला है कि उक्त अधिकारी उच्च राजनीतिक रसूख व पहुंच के चलते अभी तक नहीं बदला गया है तथा वैसे भी उक्त अधिकारी कई सालो से विवाद में चलते आया है।
इस बारे में क्या कहते हैं एसपी विजिलेंस-
इस बारे में जब स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो नार्थ जोन धर्मशाला के एसपी अरुल कुमार से जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि कृषि उपज मंडी समिति कांगड़ा के सचिव राजेश डोगरा के खिलाफ जो शिकायतें विजिलेंस को मिली थी उनकी जांच पूरी हो चुकी है तथा उसकी जांच में पाया गया है कि राजेश डोगरा दोषी हैं तथा उन्होंने गलत तरीके से कृषि विभाग के नियमों को दरकिनार करते हुए कार्रवाई की है।मामले की जांच रिपोर्ट स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक शिमला व कृषि विभाग शिमला के निदेशक को भेज दी गई है ताकि आगामी कार्यवाही की जा सके ।
कहते है ज्वांइट डायरेक्टर धर्मशाला-
इस बारे में कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर नॉर्थ जोन धर्मशाला नरेश कुमार का कहना है कि राजेश डोगरा के खिलाफ विभागीय जांच भी करवाई गई है जो उनकी देखरेख में हुई है तथा उसकी जांच रिपोर्ट निदेशक शिमला को सौंप दी गई है ।उन्होंने बताया कि किसी भी अधिकारी को चार्जशीट किया जाता है लेकिन उससे पहले सस्पेंड किया जाता है। लेकिन यदि उक्त अधिकारी को सस्पेंड नहीं किया गया है और चार्जशीट ही किया गया है तो वह उसी पद पर सेवाएं दे सकता है ।
क्या कहते हैं ज्वांइट डायरेक्टर शिमला-
इस बारे में कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेंद्र सिंह वर्मा का कहना है कि राजेश डोगरा के खिलाफ जो जांच रिपोर्ट मिली है वह सरकार को भेज दी गई है।इस पर सरकार ही अगामी निर्णय ले सकती है ।
क्या कहते है प्रधान सचिव कृषि विभाग-
जब हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के प्रधान सचिव ओंकार सिंह शर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त अधिकारी के खिलाफ जांच रिपोर्ट उन्हें मिली है तथा उसे चार्जशीट कर दिया गया है लेकिन अभी तक विभागीय जांच भी चल रही है तथा वह जब तक पूरी नहीं हो जाती है उक्त अधिकारी के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं की जा सकती है। विभागीय जांच में अगर उक्त अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसे हटाया जा सकता है।
क्या कहते है कृषि विपणन बोर्ड अध्यक्ष-
इस बारे में जब हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी से जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि कृषि उपज मंडी समिति कांगड़ा में हुई गड़बड़ी के मामले में उन्होंने सुना जरूर है लेकिन इस तरह का कोई पत्र उनके पास नहीं आया है, लेकिन यदि उक्त अधिकारी विजिलेंस जांच में दोषी पाया गया है तो विभाग द्वारा उसे वहां से हटा देना चाहिए तथा उसकी जगह कोई दूसरा अधिकारी देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार दोषी और भ्रष्टाचार में संलिप्त किसी भी अधिकारी को बर्दाश्त नहीं करती है, इससे सरकार की भी बदनामी होती है। इसलिए इस तरह के अधिकारियों को हटाने में किसी तरह का कोई एतराज नहीं है।
क्या कहते है कृषि एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री –
इस बारे में जब हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रामलाल मारकंडा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह इस मामले की पूरी जांच करवाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि विजिलेंस की जांच में उक्त अधिकारी दोषी पाया गया है तो अब विभाग इस पर कौन सी विभागीय जांच करवा रहा है इस बारे में भी जांच की जाएगी।