विधानसभा उपाध्यक्ष एवं चुराह के भाजपा विधायक हंसराज के खिलाफ सीजेएम न्यायालय चंबा में आपराधिक मानहानि की याचिकाएं दायर की गई हैं। धारा 80 सीपीसी के अंतर्गत 29-29 लाख के दो माह के नोटिस दिए गए हैं। दो माह के भीतर यदि वह राशि नहीं चुकाते तो उनके खिलाफ न्यायालय में 29-29 लाख के हर्जाने के दावे किए जाएंगे। ये याचिकाएं अधिवक्ताओं के खिलाफ झूठी टिप्पणी और अपशब्द कहने पर दायर की गई हैं। जिला बार एसोसिएशन चंबा ने हंसराज से सार्वजनिक माफी मांगने को कहा था, जिसकी मियाद पूरी होने के बाद ये याचिकाएं दायर की गई हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष डीपी मल्होत्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सांविधानिक पद पर आसीन होकर हंसराज की ऐसी टिप्पणी चिंतनीय है। हंसराज ने चंबा के दो अधिवक्ताओं को न्यायालय में प्रेक्टिस छोड़कर राजनीति करने की सलाह दी थी। मल्होत्रा ने बताया कि एक अधिवक्ता प्रेक्टिस के साथ-साथ चुनाव लड़ सकता है। विधायक तक बनने के बाद भी वह प्रेक्टिस कर सकता है। तंज कसते हुए कहा कि चुराह केवल भंजराडू या तीसा तक सीमित नहीं है। राजवंश के दौरान चुराह बजारत हुआ करता था। अधिवक्ता नरेश रावत और जय सिंह भी चुराह विधानसभा के स्थायी निवासी हैं। ऐसे में वे चुराही ही हुए। उन्होंने कहा कि जिला बार एसोसिएशन चंबा विधानसभा उपाध्यक्ष की टिप्पणी व अभद्र शब्दों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश बार एसोसिएशन और राष्ट्रीय बार एसोसिएशन में भी जा सकती है
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