शिमला कोरोना संकट के बीच प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली बार हुई ऑनलाइन फर्स्ट टर्म परीक्षाओं में विद्यार्थियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। नौवीं से 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के जारी हुए आंकड़े चौंकाने वाले हैं। घर बैठे परीक्षाएं देते हुए कई विद्यार्थियों ने फर्स्ट डिविजन प्राप्त की है। लड़कियों ने वाषिर्क परीक्षाओं की तर्ज पर इन परीक्षाओं में भी बाजी मारते हुए लड़कों को पीछे छोड़ दिया है। डेढ़ लाख विद्यार्थियों में से 29 फीसदी की फर्स्ट डिविजन आई है। 11वीं और 12वीं कक्षा के विज्ञान संकाय में 77 फीसदी विद्यार्थी फर्स्ट डिविजन में पास हुए हैं। कॉमर्स में 67 फीसदी और आर्ट्स संकाय में 54 फीसदी ने साठ फीसदी से अधिक अंक अर्जित किए हैं। सात से 17 सितंबर तक हुई फर्स्ट टर्म परीक्षाओं में तीन लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हुए। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार नौवीं और दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले कुल 1,60561 विद्यार्थियों में से 1,52247 की उत्तर पुस्तिकाएं शिक्षकों तक पहुंची। इनमें से 64913 नौवीं और 87334 विद्यार्थी दसवीं की परीक्षा में शामिल हुए। ऊना, बिलासपुर, मंडी और हमीरपुर के करीब 32 फीसदी विद्यार्थियों ने साठ फीसदी से अधिक अंक प्राप्त किए। 1.67 फीसदी विद्यार्थियों ने 90 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त किए। इनमें हमीरपुर में 3.73 फीसदी, बिलासपुर में 3.38 और ऊना में 2.78 फीसदी विद्यार्थियों ने मेरिट में स्थान बनाया। इन दोनों कक्षाओं के परिणाम में हषमीरपुर और बिलासपुर के विद्यार्थियों ने बाजी मारी। दोनों जिलों में 28 फीसदी से अधिक विद्यार्थियों ने 75 फीसदी से अधिक और 75 फीसदी विद्यार्थियों ने 50 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त किए। इन कक्षाओं में 1940 लड़कियों और 640 लड़कों ने मेरिट में जगह बनाई। उधर, जमा एक और जमा दो कक्षा के विज्ञान संकाय में 30385 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें 15130 जमा एक और 15255 जमा दो कक्षा के विद्यार्थी रहे। इनमें 13121 विद्यार्थियों के अंक साठ फीसदी से अधिक, 9512 के 75 से 89 फीसदी के बीच और 902 के 90 फीसदी से अधिक अंक रहे। कामर्स में 16442 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। इन दोनों कक्षाओं के 7291 विद्यार्थियों की फर्स्ट डिविजन रही। 3567 विद्यार्थियों के अंक 75 से 89 फीसदी के बीच रहे जबकि 241 के अंक 90 फीसदी से ज्यादा आए। हमीरपुर के 51 फीसदी विद्यार्थियों के अंक साठ फीसदी से अधिक रहे। मंडी, सोलन और सिरमौर के 44 फीसदी विद्यार्थी फर्स्ट डिविजन में पास हुए। मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों में जिला शिमला ने बाजी मारी। जिला के 2.57 विद्यार्थी मेरिट में रहे। जिला के 76 विद्यार्थियों के अंक साठ फीसदी से अधिक भी रहे। आर्ट्स संकाय की परीक्षा में 1,01176 विद्यार्थी शामिल हुए। इनमें 37347 विद्यार्थियों के अंक साठ फीसदी से अधिक, 16178 के अंक 75 से 89 फीसदी के बीच और 1175 के अंक 90 फीसदी से अधिक रहे। नौवीं-दसवीं की परीक्षा में 10400 विद्यार्थी फेल हो गए। इनके अंक 33 से कम रहे। 37661 विद्यार्थियों के अंक 33 से 49 फीसदी के बीच रहे। जबकि 32263 विद्यार्थियों के अंक 50 से 59 फीसदी के बीच रहे। लाहौल-स्पीति का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। यहां 33.3 फीसदी विद्यार्थी पास नहीं हो सके। जमा एक और जमा दो के विज्ञान संकाय में 165 विद्यार्थी फेल हुए। 2010 के अंक 49 फीसदी से कम और 4640 के अंक 50 से 59 फीसदी के बीच रहे। कॉमर्स संकाय में 128 विद्यार्थी फेल हुए।
1709 के अंक 33 से 49 फीसदी के बीच और 3479 की सेकेंड डिविजन रही। आर्ट्स संकाय में 1980 विद्यार्थी फेल हुए। 19050 के अंक 33 से 49 फीसदी के बीच और 25072 के अंक 50 से 59 फीसदी के बीच रहे।
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