रेणुका गौतम
कुल्लू : “अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की परंपरा नहीं टूटेगी और कोरोना के नियमों की पालना करते हुए भगवान श्री रघुनाथ की रथयात्रा होगी” , यह बात भगवान रघुनाथ के प्रमुख छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने परिधि गृह कुल्लू में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उड़ीसा में जगरनाथपुरी की रथयात्रा हुई , ठीक उसी तरह भगवान रघुनाथ जी की रथयात्रा की परंपरा निभाई जाएगी। उन्होंने कहा कि दशहरा पर्व किस तरह से मनाया जाएगा, यह तो भविष्य के गर्व में छिपा है । लेकिन उन्हें देवी-देवताओं पर पूरा विश्वाश है कि तब-तक सबकुछ ठीक होगा और कोरोना का भी अन्त होगा। उन्होंने कहा कि 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान ब्लैक आउट के आदेश थे और शाम होते ही लाइटें बंद करनी पड़ती थी। उस समय भी दशहरा पर्व मनाया गया था और भगवान रघुनाथ की रथयात्रा हुई थी। उन्होंने कहा कि उस समय ऐसा चमत्कार हुआ था कि दिन को रथयात्रा हुई थी और सायंकाल सरकार ने ब्लैक आउट की घोषणा कर दी थी। देवी-देवताओं का आशीर्वाद रहा तो इस समय भी दशहरा तक प्रदेश कोरोना मुक्त हो सकता है और हम ऐसी कामना करते हैं। उधर उन्होंने दशहरा पर्व की तैयारियों को लेकर उपायुक्त को पत्र लिखकर मांग की है कि ढालपुर मैदान की दशा सुधारने का काम शीघ्र शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि रथ मैदान की हालत निर्माण कार्य के कारण खराब हुई है और अन्य मैदानों में भी फेसिंग न होने के कारण यह चरागाह बन चुका है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद ने मैदानों की हालत पूरी तरह से खराब की है। इसलिए प्रशासन व नप को इन मैदानों को सुधारने का काम शीघ्र पूरा कर देना चाहिए। अतः यह स्पष्ट हो गया है कि भगवान रघुनाथ जी की रथयात्रा होगी लेकिन फिलहाल यह अभी स्पष्ट नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय दशहरा पर्व सिर्फ रथयात्रा तक सीमित रहेगा या फिर अन्य गतिविधियां भी होगी। फिलहाल सभी को दशहरा कमेटी व सरकार के फैसले का इंतजार करना होगा।