Friday, November 22, 2024
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मेलों के वैभव को बनाए रखना सभी का दायित्व: शालिनी अग्निहोत्री

मेलों और त्यौहारों के आयोजन से हमारी समृद्ध  सांस्कृतिक विरासत न केवल भावी पीढ़ियों तक पहुंचती है, बल्कि देश के अन्य भागों में भी प्रसारित व प्रचारित होती है। यह बात पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने रविवार देर सांय लाल चंद प्रार्थी कला केन्द्र में सदियों पुराने पीपल जातर मेले अथवा बसन्तोत्सव-2019 का विधिवत शुभारंभ करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।  शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि यह देखकर गर्व होता है कि कुल्लू की संस्कृति बहुत समृद्ध है और इसके संरक्षण व संवर्धन में जिला के लोगों ने कोई कमी नहीं छोड़ी है। यहां के लोग पुराने मूल्यों, परम्पराओं और संस्कृति का आदर व सम्मान करते हैं। यही कारण है कि आज जिला की सांस्कृतिक विरासत की न केवल देश, बल्कि विश्व भर में एक अलग पहचान स्थापित हुई है।  उन्होंने कहा कि ज़िला में वर्षभर मेलों का आयोजन होता रहता है। यहां की देव संस्कृति बहुत समृद्ध व शक्तिशाली है। लोग प्रत्येक शुभ कार्य देवी-देवताओं की अनुमति से करते हैं। कुल्लू घाटी देवी-देवताओं की घाटी है, जहां सैंकड़ों देवी-देवताओं का निवास स्थान होने की मान्यता है। इसीलिए हिमाचल को देव-भूमि कहा जाता है।  पुलिस अधीक्षक ने लोगों से अपनी पारम्परिक मान्यताओं, संस्कृति और मूल्यों को संजोकर रखने का आग्रह किया ताकि भावी पीढ़ियां अनुसरण करके एक सुखद और शांतिपूर्ण जीवन यापन कर सकें। उन्होंने जिला के युवाओं को नशे जैसी बुराई से बचने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निजात पाने के लिए घर-परिवार की महिलाओं को सक्रिय तौर पर आगे आना होगा और युवाओं को बर्बादी से बचाना होगा।  इससे पूर्व, उपायुक्त के सहायक आयुक्त एस.पी. जसवाल ने पुलिस अधीक्षक का स्वागत किया और मेले की गतिविधियोें की जानकारी दी।

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