रेणुका गौतम
कुल्लू: पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-2 में दुनिया की सबसे लंबी-हेड रेस टनल निर्मित हो रही है। 33 किलोमीटर की यह टनल बरशेनी से सिंउंड तक बन रही है। इस टनल के माध्यम से पार्वती नदी का पानी घाटी से दूसरी तरफ सैंज घाटी के सिंउंड में पहुँचाया जाएगा और यहां पर पावर हाउस में 800 मेगावाट विद्युत पैदा होगी। टनल का कार्य अब मात्र अढाई किमी ही शेष बचा है। पार्वती परियोजना के महाप्रबंधक एलके त्रिपाठी ने बताया कि इस टनल का कार्य जोरों पर है, और तकरीकब दो वर्षों में यह बनकर तैयार हो जाएगी। वह यहां सीएसआर के तहत स्कूलों को कम्प्यूटर वितरित करने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने सरस्वती विद्या मंदिर हाथीथान व वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला को ऑन लाइन पढ़ाई हेतु 21 कम्प्यूटर वितरित किए। उन्होंने कहा कि सीएसआर योजना के तहत एनएचपीसी समाज का उत्थान करती है, और इस परियोजना के तहत अभी तक चार करोड़ इस योजना में खर्च किए जा चुके हैं। गौरतलब है कि यह टनल आज से पांच वर्ष पहले बनकर तैयार होनी थी, लेकिन टीबीएम टनल बोरिंग मशीन के इसमें फंस जाने से देरी हुई है। इससे एनएचपीसी को भी भारी नुकसान हुआ है और देश को भी। अभी तक यह परियोजना बहुत कम मात्रा में विद्युत उत्पादन कर पा रही है। अभी सिर्फ जीवा नाला के पानी से ही 100 से 120 मेगावाट विद्युत बन पा रही है। जब यह टनल बनकर तैयार होगी तो 800 मेगावाट विद्युत प्रतिदिन तैयार होगी जिससे देश के कई राज्य जगमगा सकेंगे । टनल से पार्वती नदी का पानी पहाड़ के दूसरी ओर सिंउंड पावर हाउस में पहुँचाया जा सकेगा जिससे पिन पार्वती से भी बिजली तैयार की जाएगी। लेकिन हेड रेस टनल के निर्माण कार्य पूरा होने में अभी दो वर्ष और लगने की संभावना है तभी यह सपना पूरा हो जाएगा। इस टनल के बन जाने से एक और अध्याय इतिहास में जुड़ जाएगा।