Saturday, April 19, 2025
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खगोल विज्ञान, स्थिरता और STEM पर कार्यशाला

शूलिनी विश्वविद्यालय में ऊर्जा विज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र (CEEST) ने डिटैनियम और इंडियन प्लेनेटरी सोसाइटी (IPS), मुंबई के सहयोग से हाल ही में CSLC विज्ञान संग्रहालय, शोघी, शिमला में खगोल विज्ञान, स्थिरता और व्यावहारिक STEM गतिविधियों पर एक आकर्षक कार्यशाला का आयोजन किया।

कार्यशाला का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में युवा दिमागों के बीच विज्ञान, खगोल विज्ञान और सतत विकास के लक्ष्यों को लोकप्रिय बनाना था। सेंट जेवियर्स स्कूल, कलकत्ता के कुल 42 स्कूली छात्रों और शिक्षकों ने सत्रों में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम का नेतृत्व CEEST के निदेशक और इंडियन प्लेनेटरी सोसाइटी के उपाध्यक्ष प्रो. एस.एस. चंदेल ने किया। प्रो. चंदेल ने नेट जीरो ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु-उत्तरदायी सौर प्रौद्योगिकियों और सतत विकास लक्ष्यों (SDG) पर एक व्यावहारिक व्याख्यान दिया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 1994 में शिमला में विज्ञान संग्रहालय और तारामंडल की स्थापना के लिए की गई दूरदर्शी पहल पर भी विचार व्यक्त किए, जो तब से एक जीवंत विज्ञान केंद्र और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुआ है।

डिटेनियम के एक प्रसिद्ध विशेषज्ञ  सैम गिब्स ने ब्रह्मांड, सौर मंडल और आकाशगंगाओं पर एक आकर्षक सत्र के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) पर एक इंटरैक्टिव हैंड्स-ऑन कार्यशाला भी आयोजित की, जिसमें छात्रों और शिक्षकों को मज़ेदार और व्यावहारिक तरीके से वैज्ञानिक अवधारणाओं का पता लगाने का मौका मिला।

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