Friday, June 27, 2025
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कई राज्यों में ठगी करने वाला शातिर कुल्लू पुलिस की गिरफ्त में

रेणुका गौतम

प्रदेश में नकली मैसेज भेजकर ठगी करने वाला पहला आरोपी गिरफ्तार

कुल्लू: जिला पुलिस ने साइबर क्राइम के एक नई तरह के अपराध का पर्दाफाश किया है। मामले को लेकर जानकारी देते हुए जिला पुलिस अधीक्षक कुल्लू गौरव सिंह ने मीडिया को बताया कि पुलिस थाना मनाली में एक शिकायतकर्ता ने रिपोर्ट दर्ज की कि वह अमेजन कंपनी में मनाली में स्थित ऑफिस में डिलीवरी ब्वॉय का काम करता है, और करीब 20 – 25 दिन पहले एक आदमी अमेजन कंपनी के दफ्तर मनाली में आया। उसने बताया कि उसने कोई लैपटॉप ऑनलाइन ऑर्डर कर रखा है और उसे वह लैपटॉप लेना है, जिस पर कंपनी के कर्मचारी ने रिकॉर्ड चेक किया। एक आर्डर आया हुआ था उस आर्डर पर कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन दिया गया गया था उस आदमी से डिलीवरी ब्वॉय ने लैपटॉप लेने के एवज में पैसे देने बात की । उस आदमी ने कहा कि उसके पास अभी पैसे नहीं है और न ही वह कोई गूगल पे इत्यादि चलाता है परंतु वह नेट बैंकिंग से डिलीवरी बॉय को ₹30,000 की रकम जो लैपटॉप की एवज में जानी है उसको वह दे सकता है उस समय कंपनी के किसी कर्मचारी के पास या कंपनी का कोई ऐसा अकाउंट नंबर उपलब्ध नहीं था इसलिए डिलीवरी ब्वॉय ने अपना बैंक अकाउंट उसको दे दिया। उस लड़के ने ₹30,000 का एक मैसेज डिलीवरी ब्वॉय के मोबाइल पर भिजवाया जिसमें लिखा था कि ₹30,000 आपके खाते में जमा हो गए हैं। डिलीवरी ब्वॉय को भरोसा हो गया कि पैसे आ गए हैं और लड़के को लैपटॉप दिया गया और लड़का लैपटॉप लेकर चला गया । शाम के समय जब कंपनी ने हिसाब मांगा तो डिलीवरी बॉय ने सारा हिसाब किया और जब पैसे निकालने लगा तो पाया कि उसके खाते में 30,000 ₹ आए ही नहीं लेकिन मैसज आया है । फिर उसने एटीएम से पैसे निकालने की कोशिश की और पाया कि उसके खाते में ₹30000 आए ही नहीं है। इसके बाद डिलीवरी ब्वॉय ने उससे संपर्क करने का प्रयास किया, परंतु जब कामयाबी नहीं मिली तो डिलीवरी ब्वॉय को अहसास हुआ कि अब वह ठगा जा चुका है। इसलिए उसने पुलिस में रिपोर्ट कर दी, साइबर पुलिस ने जब चेक किया तो पाया कि जो मैसेज डिलीवरी ब्वॉय को पैसे का भेजा गया था वह फर्जी है और एक ऐप से नकली तैयार किया गया है।
कुल्लू पुलिस ने तुरंत आरोपी की तलाश शुरू की और इसे मनाली क्षेत्र में दबोचा। आरोपी ने पूछताछ करने पर पुलिस को अपना नाम अरविंद बताया और आधार कार्ड भी दिखाया। आरोपी की रिहाइश की गहनता से छानबीन करने पर पता चला कि इसका असली नाम सौरव मित्रा पुत्र सुब्रत मित्रा निवासी जिला नाडिया वेस्ट बंगाल, उम्र 30 वर्ष है। आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि यह एक बहुत बड़ा ठग है और साइबर क्राइम का सरगना है । उसने बिहार में भी एक लड़के के साथ 8 लाख रूपए की ठगी की है। अपने आपको यह आदमी डिस्कवरी चैनल का कर्मचारी बताता है और डिस्कवरी चैनल के नाम पर भी ठगी करता है। इसने बिहार के गया में भी एक व्यक्ति के साथ ठगी की है जहां खुद को डिस्कवरी चैनल का डायरेक्टर बताया था और कुछ डॉक्यूमेंट भी उसको दि इसके साथ-साथ इसमें शिमला में भी डिस्कवरी चैनल के लिए लोगों को काम करने के लिए धोखाधड़ी से शूट करवाए जो चितकुल में भी करवाए गए और उन लोगों का भी 3 लाख 30 हजार रुपया ठगा है , इसके पश्चात इसने किन्नौर के भी कुछ लोगों के साथ 4.5 लाख की ठगी की है अभी तक प्राथमिक जानकारी हासिल की जा रही है कि इस ने किस तरह लोगों को शिकार बनाया है कहां-कहां शिकार बनाया है । इसके बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा की जा रही है अभी तक यह भी पाया गया है कि ठग बेहद शातिर है अच्छी इंग्लिश बोलता है और खुद को ITI engineer बताता
है कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान रखता है और हाल ही में मनाली में 10, 000 रुपए महीना कमरा किराए पर लेकर लोगों को लूटने की कोशिश कर रहा था।

जिला पुलिस अधीक्षक ने आम जनता से जागरूक रहने का आग्राह करते हुए कहा कि इस तरह की ठगी अगर कहीं भी होती है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस तरह के फ्रॉड को बल्क मैसेज फ्रॉड कहते हैं।

उन्होने बताया कि आरोपी इतना शातिर और चालाक है कि इसने अरविंद व्यक्ति के नाम से एक नकली आधार कार्ड बना रखा है, जिसका प्रयोग करके यह मनाली में किराएदार बनकर रह रहा था। आरोपी के पास से अरविंद नाम से बलेरो गाड़ी
, 6 सिम कार्ड, 2 मोबाइल, 1 पैन ड्राइव, 6 पासबुक, 2 चैकबुक, 3 एटीएम कार्ड और 3 आधार कार्ड बरामद किए गए हैं।
आरोपी के खिलाफ पिछली ठगी के मामलों पर पहले से ही कई मुकदमे पंजीकृत पाए गए हैं।

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