शिमला : स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शिमला में हुए काम सवालों के घेरे में हैं। स्मार्ट सिटी के लिए स्वीकृत करीब 3 हजार करोड़ की राशि का बीजेपी सरकार ने दुरूपयोग किया। शहर के लोगों को सुविधा मुहैया करवाने के बजाए कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने का काम हुआ। स्मार्ट सिटी में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ हैं।
यह आरोप नगर निगम शिमला के पूर्व उपमहापौर टिकेंद्र पंवर ने लगाए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर जंगलों में गमले लगाकर जनता के पैसे को बर्बाद कर अपने लोगों को फायदा पहुंचाया, जिसकी शिकायत लोकायुक्त से कर जांच की मांग की जाएगी।
टिकेंद्र पंवर ने कहा कि शिमला की भौगोलिक सुंदरता का पूरा विश्व में अलग स्थान हैं। वह ज़ब नगर निगम में शासित थे, तब स्मार्ट सिटी के कामों का खाका तैयार किया गया था, जिसमें पानी, आवाजाही व स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रमुखता से रखा गया था। इसमें शहर में एसकेलेटर लगने थे। लेकिन बड़े दुःख की बात है कि इनमें से एक भी काम नहीं हो पाया। सड़कों को चौड़ा करने व अनावश्यक डंगे लगाने के अलावा कुछ नहीं हुआ। जंगलो में गमले लगाने का काम किया जा रहा हैं।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजो के समय से लगे डंगो को उखाड़ कर उन पर गमले लगाए जा रहें है। शिमला को प्रकृति ने जो खूबसूरती दी हैं, उसे बिगाड़ने का काम किया जा रहा हैं। बीजेपी सरकार अपने कुछ ठेकदार दोस्तों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही हैं।
स्मार्ट सिटी के कामों को मॉनिटरिंग के लिए प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट को नहीं बनाया गया। बीजेपी को शहर से कोई लगाव नहीं हैं। शहर को चलाने वाला कोई नहीं हैं। इन धांधलियों की अगर जांच नहीं होती तो लोकायुक्त में जाकर इसमें हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग की जाएगी।