महिलाओं के प्रति अपनी गंदी व छोटी सोच का उदाहरण दे रहे विक्रमादित्य
सुंदरनगर :- मंडी से कांग्रेस के प्रत्याशी हिमाचल जैसे शांत व साफ सुथरे प्रदेश में अपने विचारों की गंदगी परोस रहे है। उनमें नैतिकता नाम की कोई चीज़ नहीं है। कांग्रेस शुरुआत से ही अंग्रेजों से बहुत प्रभावित रही है और उसी कारण वो उनकी नीतियों को भी अपनाती आई है। इसका ताजा उदाहरण प्रदेश में देखने को मिल रहा है कि कैसे वो अंग्रेजों की सबसे ज्यादा पसंदीदा नीति – “फूट डालो और राज करो“ का खूब जोरो शोरो से प्रचार कर रहे हैं। भाजपा मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक राकेश जम्वाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र के किंदर, बंदली, बदैहण, जरल, बजीहण व निहरी में जनसंपर्क करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार अपनी हार को सामने देखकर बौखला गई और अनाप-शनाप बयानबाजी कर रही है।
विक्रमादित्य शुरुआत से ही कंगना के नाम से डरे दिखाई दे रहे थे और ये बात जगजाहिर है, लेकिन अब उन्होंने नैतिकता की सारी सीमाएं लांघकर कंगना के खिलाफ नया प्रोपेगंडा शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों के दिमाग में गंदगी नहीं बल्कि विक्रमादित्य कंगना के खिलाफ गंदगी भरने का कार्य कर रहे हैं। एक पढ़े लिखे प्रत्याशी से जनता विज़न की उम्मीद करती है, परन्तु यहां साफ दिखाई दे रहा है कि इस बिगडै़ल व्यक्ति का मंडी के प्रति कोई विज़न नहीं हैं और इन्हें मात्र अपनी सियासत बचाए रखने के लिए कोई भी हथकंडा अपनाना पडे़े या किसी हद तक भी गिरना पड़े उसके लिए ये तैयार हैं।
विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि मंडी देवभूमि है और कंगना मंडी की बेटी है जब से कंगना एक प्रत्याशी के रूप में मंडी में घूम रही है तभी से मंडी की जनता के साथ-साथ यहां के देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी भरपूर मिल रहा है। मुझे लगता है कि कुछ दिनों पहले के बयान जिसमें विक्रमादित्य ने देवसमाज व देवी-देवताओं को राजशाही से दोयम बताया था और वही अहंकार उनके सिर चढ़ कर बोल रहा है कि कंगना जिन मंदिरों में दर्शन कर रही हैं उन्हें पवित्र करवाना पडे़गा। विक्रमादित्य जी आपको सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि जब आप अपने राजशाही विचारों से बाहर नहीं निकल पा रहे तो लोकतंत्र के इस पर्व में आपका क्या काम हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह शब्दावली हिमाचल के देव समाज की नहीं बल्कि विक्रमादित्य के दिमाग की उपज है जो कि महिलाओं का समान नहीं करते है और एक महिला से हारना उनको बर्दाश्त नहीं हो रहा जो कि उनके अहम को ठेस पहुंचा रहा है, इसलिए वह कंगना की छवि को बर्बाद करने की नाकामयाब कोशिश करते नज़र आ रहे हैं।
राकेश जम्वाल ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने में मुख्यमंत्री सुक्खू अहम किरदार निभा रहे हैं। अपने चुनावी प्रचार में कभी भुट्टो को कुट्टो जैसे नारे देकर और सोचे समझे षड़यंत्र के तहत काज़ा जैसी घटना को अंजाम देना, शिमला में 144 के अंतर्गत आने वाले रिज मैदान पर भाजपा प्रत्याशी रवि ठाकुर पर हमला करवाना उन्हीं के कार्य हैं, मुख्यमंत्री के मुख पर राम-राम और बगल में छूरी है। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री चुनावों को देखते हुए हर मंच पर कहते नज़र आते है कि मैं दो महीने बीमार रहा फिर भी विपक्ष ने कोई सहयोग नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किस बीमारी की बात कर रहे है जब प्रदेश जानना चाह रहा था कि मुख्यमंत्री की हालत कैसी है तो स्वास्थ्य पर मीडिया बुलेटिन देने के बजाय पत्रकारों पर मुकदमे और जवाब तलबी की गई। आज जनता के बीच अपने को दीन-दु:खी और प्रताड़ित दिखाकर संवेदनाए बटोरना चाहते हैं। केंद्र से आई मदद को नकारते रहे, परन्तु प्रदेश की जनता उनसे जानना चाहती हैं कि जो भेदभाव उन्होंने प्रदेश के साथ किया है जिसका परिणाम आज सरकार में बगावत के रूप में दिख रहा है यह उन्हीं का किया धरा है। मुख्यमंत्री शिमला और अपनी मित्र-मंडली से बाहर नहीं निकल पाए और जो पैसा हिमाचल के विकास के लिए खर्च होना चाहिए था उसे अपने मित्र-मंडली के ऐशो-आराम पर उड़ाया और आज जनता के बीच घड़याली आंसू बहाकर संवेदना लूटना चाहते हैं।