शिमला हिमाचल सरकार ने पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का फार्मूला तय कर दिया है। पंचायती राज सचिव ने इसे सभी उपायुक्तों और जिला पंचायत अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। पहले रोस्टर अनुसूचित जाति के लिए लागू होगा। एससी के सदस्यों के स्थान पंचायत क्षेत्र में उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित होंगे। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार इनके लिए पहले आरक्षित होने वाले स्थानों की गणना की जाएगी। इसके बाद वर्ष 2010 और वर्ष 2015 में एससी और एसटी महिला सहित आरक्षित स्थान घटाए जाएंगे और शेष वार्डों में से ग्राम पंचायत का वह निर्वाचन क्षेत्र-वार्ड एससी के लिए आरक्षित होगा, जहां इस वर्ग की जनसंख्या सबसे अधिक है। यदि आरक्षित होने वाले निर्वाचन क्षेत्रों-वार्डों की संख्या एक से अधिक है तो अगला ऐसा निर्वाचन क्षेत्र-वार्ड एससी के लिए आरक्षित होगा। जहां इस वर्ग की जनसंख्या की प्रतिशतता घटते क्रम में दूसरे स्थान में है। इसी प्रकार आरक्षित स्थानों की पहचान एससी की जनसंख्या की प्रतिशतता के घटते क्रम में तब तक की जाएगी, जब तक वांछित स्थानों की पहचान पूर्ण नहीं हो जाती। यदि किसी पंचायत में कुल वार्डों की संख्या 11 है और जनसंख्या के अनुपात में उस पंचायत में तीन वार्ड एससी के लिए आरक्षित हो जाते हैं तो उक्त 11 वार्डों में सर्वप्रथम वे निर्वाचन क्षेत्र या वार्ड घटाए जाएंगे जो वर्ष 2010 और 2015 में एससी और एसटी महिलाओं के लिए आरक्षित थे। यदि ऐसे वार्डों की संख्या गत निर्वाचनों के समय छह थी तो शेष पांच वार्डों में से तीन ऐसे निर्वाचन क्षेत्र या वार्ड एससी के लिए आरक्षित होंगे, जहां एससी की जनसंख्या की प्रतिशतता घटते क्रम में एक, दो या तीसरे स्थान पर है। यह ध्यान रखा जाएगा कि जिस निर्वाचन क्षेत्र-वार्ड में एससी की जनसंख्या प्रतिशतता पांच से कम है वह निर्वाचन क्षेत्र या वार्ड एससी के लिए आरक्षित नहीं होगा। ऐसी स्थिति में यदि निर्वाचन क्षेत्र रिपीट होता है तो वह उस श्रेणी की उच्चतम प्रतिशतता के अनुरूप होगा। अगला चरण एससी के लिए आरक्षित कुल निर्वाचन क्षेत्रों और वार्डों में से 50 प्रतिशत निर्वाचन क्षेत्रों और वार्डों को इस वर्ग की महिलाओं को आरक्षित करने का होगा। यदि एससी के लिए एक निर्वाचन क्षेत्र वार्ड आरक्षित होता है तो वह सीधे उस वर्ग की महिला के लिए आरक्षित होगा। यदि एससी के लिए एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र वार्ड आरक्षित होते हैं तो उस अवस्था में आरक्षित स्थानों का 50 प्रतिशत इस वर्ग की महिलाओं के लिए होगा।
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