पुरुष वर्ग में शबीर हुसैन ने जीता फुल मैराथन का खिताब
जाणा फाल में हुए स्नो मैराथन में इंडियन नेवी से भी पहुंचे प्रतिभागी
रेणुका गौतम, कुल्लू : पर्यटन नगरी मनाली क्षेत्र के अंतर्गत पढ़ने वाले बर्फीली पहाड़ियों के बीच स्थित जाणा फाल के पास स्नो मैराथन का आयोजन किया गया। जिसमें देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी प्रतिभागी भाग लेने पहुंचे। इसमें विभिन्न वर्गों में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिसमें नेवी से 25 और आर्मी से 15 प्रतिभागी भी उपस्थित हुए। हिमाचल पर्यटन विभाग और रीच इंडिया के सहयोग से आयोजित स्नो मैराथन का यह तीसरा एडिशन था।
उपरोक्त आयोजन में श्रीलंका, यूके सहित भारत के अलग अलग राज्य से प्रतिभागियों ने शिरकत की। प्रतियोगिता में भारतीय सेना के शाबीर हुसैन ने तीसरी स्नो मेराथन को अपने नाम कर लिया है। लद्दाख स्काउट्स के इस जवान ने स्नो मेराथन की 42 किलोमीटर की फुल मेराथन की दूरी 3 घण्टे 58 मिनट में पूरी की। वहीं महिलाओं के वर्ग में मनाली की तेनजिन डोल्मा ने 4 घण्टे 35 मिनट में फुल मेराथन जीती। 1 घण्टा 29 मिनट 14 सेकेण्ड टाईमिंग के साथ भारतीय सेना के सेवांग नांगदन ने हाफ मेराथन जीती, जबकि महिला वर्ग में 2 घण्टे 45 मिनट 58 सेकेण्ड की टाईमिंग दर्ज कर हेमलता ने यह खिताब अपने नाम किया। दस किलोमीटर की रेस में भी भारतीय सेना के ही बाजी मारी जिसमें 48 मिनट 47 सेकेण्ड की टाईमिंग के साथ जिगमेट स्टबडन प्रथम स्थान प्राप्त विजेता बने। जबकि महिला वर्ग में साक्षी ने 1 घण्टा 12 मिनट 34 सेकेण्ड समय के साथ पहले स्थान पर रह कर विजेता बनी। पांच किलोमीटर की स्पर्धा मे अरमान ठाकुर ने बाजी मारी।
आयोजक राजीव कुमार और गौरव शिमर ने जनपद क्षेत्र में आयोजित हुए इस स्नो मैराथन को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि बहुत ही कम समय में स्नो मेराथन ने देश के एडवेंचर स्पोर्ट्स कैलेंडर में अपना नाम दर्ज कर लिया है। देश विदेश से जुटे 200 से भी अधिक मेराथनर्स इस बात का सूचक है कि लाहौल की बर्फीली पहाड़ियों में हर धावक स्नो मेराथन का अनुभव लेना चाहता है।
इस मैराथन आयोजन का विशेष आकर्षण यह रहा कि इस वर्ष भारतीय नौसेना के 25 नाविकों के साथ भारतीय सेना के 15 लद्दाख स्काउट्स के जवानों ने भी स्नो मेराथन में शिरकत की। गोवा, चैन्नई, विशाखापट्टनम, कोलकाता व देश के कोने कोने से आये प्रतिभागियों ने इस आयोजन का सफल बनाया।स्नो मैराथन में देश भर से आये धावकों ने 42 किलोमीटर, 21 किलोमीटर, 10 किलोमीटर और पांच किलोमीटर दौड़ प्रतियोगिता में अपना दमखम दिखाया।
जहां प्रतिभागी प्रतियोगिता में भाग लेने की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आतुर दिखे तो वहीं क्षेत्र की खूबसूरत वादियों और वातावरण से भी विशेष तौर से प्रभावित रहे। कोलकाता की प्रतिभागी रचना ने कहा कि जाणा में आकर उन्होंने स्वर्ग का सही मतलब जाना है। क्योंकि यहां पर हरियाली, बर्फीली वादियां, ताजी हवा, नीला आकाश और चमचमाती धूप सब एक साथ देखने को मिला। काबिल- ए- गौर है कि इससे पहले यह आयोजन दो बार पहले लाहौल स्पीति के सिस्सू में हो चुका है, लेकिन वर्तमान समय में मौसम के खराब हालात को देखते हुए अटल टनल बंद किए जाने से के चलते यह आयोजन इस बार जाणा फाल क्षेत्र में किया गया जो की बेहद सफल रहा।