शिमला: यूजीसी संशोधित वेतनमान की मांग कर रहे कालेज व विश्वविद्यालयों के शिक्षकों ने आंदोलन को तेज कर दिया है। आज शिक्षकों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया गया है। शिक्षकों की जिन गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगी है उसका भी विरोध किया गया। शिक्षक न तो पेपर चेक करेंगे न ही परीक्षाओं में ड्यूटी देंगे। एक माह से अधिक समय से शिक्षकों का आंदोलन विश्वविद्यालयों में जारी है और कालेज शिक्षकों ने भी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर रखा है, जिस कारण परीक्षा परिणाम घोषित होने में देरी हो गई है। इसके अलावा पीजी की उत्तर पुस्तिकाओं का भी मूल्यांकन ठप पड़ा हुआ है, जिससे यह परिणाम भी लंबित है।उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से शिक्षकों की यह जायज मांग लंबित है और समय पर मांग उठाने के बाद भी इसे पूरा नहीं किया गया है। प्रदेश सरकार को मांग पूरी करने के लिए 27 जून तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन पे-स्केल जारी करने को लेकर अब तक प्रदेश सरकार की ओर से कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। कालेजों में इन दिनों ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहा है और अवकाश चार जुलाई तक चलेगा। इसके बाद कालेज खुलते ही शिक्षक आंदोलन शुरू करेंगे। सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है, जबकि इस मामले में कमेटी के गठन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मांग पूरी नहीं हुई तो नई शिक्षा नीति लागू करने के कार्य में शिक्षक शामिल नहीं होंगे।
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